Edited By ,Updated: 07 Dec, 2015 03:07 PM
मान्यता है कि भगवान के प्रिय पुष्प अर्पित करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सभी मांगलिक कार्य और
मान्यता है कि भगवान के प्रिय पुष्प अर्पित करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सभी मांगलिक कार्य और पूजन कर्म में फूलों का विशेष स्थान है। सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग फूल प्रिय हैं। साथ ही इन्हें कुछ फूल नहीं चढ़ाए जाते। इसी वजह से बड़ी सावधानी से पूजा आदि के लिए फूलों का चयन करना चाहिए।
* शिवजी की पूजा में मालती, कुंद, चमेली, केवड़ा के फूल वर्जित हैं।
* सूर्य उपासना में अगस्त्य के फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
* सूर्य और श्रीगणेश के अतिरिक्त सभी देवी-देवताओं को बिल्व पत्र चढ़ाए जा सकते हैं। सूर्य और श्रीगणेश को बिल्व पत्र न चढ़ाएं।
* प्रात:काल स्नानादि के बाद ही देवताओं पर चढ़ाने के लिए पुष्प तोड़े या चयन करें। ऐसा करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं।
* बिना नहाए पूजा के लिए फूल कभी न तोड़ें।