Edited By ,Updated: 31 Dec, 2015 11:01 AM
मनुष्य जब पैदा होता है तो समय के साथ-साथ उसका शारीरिक विकास होने लगता है लेकिन एक स्टेज पर आकर वह रूक जाता है। बाल और
मनुष्य जब पैदा होता है तो समय के साथ-साथ उसका शारीरिक विकास होने लगता है लेकिन एक स्टेज पर आकर वह रूक जाता है। बाल और नाखून शरीर के ऐसे अंग हैं जो निरंतर बढ़ते रहते हैं। शारीरिक सुंदरता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए इन्हें समय-समय पर कटवाना जरूरी होता है। महाग्रंथ महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि नाखून और बाल कटवाने के लिए सभी दिन शुभ नहीं होते।
सोमवार को बाल कटवाने से मेन्टल बैकवर्डनेस का संचार होता है और संतान को नुकसान पहुंचता है।
पुराणों के मतानुसार मंगलवार के दिन बाल कटवाने से आयु कम होती है। ज्योतिष के अनुसार मंगलवार का दिन मंगल ग्रह को समर्पित दिन है। मनुष्य के शरीर में मंगल का निवास रक्त में होता है और रक्त से बालों की उत्पत्ति होती है। अगर मंगलवार के दिन बाल कटवाए जाए तो रक्त संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है।
बुधवार को नाखून और बाल कटवाना मंगलप्रद होता है। ऐसा करने से धन में बढ़ौतरी होती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
बृहस्पतिवार का दिन धन के देवता बृहस्पति को समर्पित है। बृहस्पति देव संतान और ज्ञान के प्रधान देव हैं। गुरुवार को बाल कटवाने से आर्थिक हानि, संतान कष्ट व ज्ञान क्षीणता होने के आसार होते हैं।
शुक्रवार पर शुक्र देव का वर्चस्व स्थापित है वह सौन्दर्य के प्रतीक हैं। इस दिन शारीरिक सफाई करने से शुक्र देव प्रसन्न होते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है। साफ स्वच्छ शरीर वाले व्यक्ति को मान-यश की प्राप्ति होती है।
शनिवार को बाल कटवाने से मृत्यु के समान कष्ट भोगना पड़ता है।
रविवार के दिन लोग छुट्टी होने के कारण अक्सर अपने बाल और नाखून कटवाने का काम करते हैं। जो सरासर गलत है। रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण को समर्पित होता है। इस दिन बाल कटवाने से संपत्ति, ज्ञान और धर्म की हानि होती है।