Edited By ,Updated: 19 Oct, 2016 12:33 PM
करवा चौथ का व्रत एक ऐसा पर्व है जिसमें भारतीय नारी की अपने पति के प्रति स्नेह तथा उसकी रक्षा की कामना की झलक साफ दिखाई देती है।
करवा चौथ का व्रत एक ऐसा पर्व है जिसमें भारतीय नारी की अपने पति के प्रति स्नेह तथा उसकी रक्षा की कामना की झलक साफ दिखाई देती है। इस दिन हर सौभाग्यवती स्त्री एक नई दुल्हन की तरह सजी दिखाई देती है। मेहंदी और चूडिय़ों का इस दिन विशेष महत्व है इसलिए इस दिन हर चूडिय़ों की दुकानों पर भारी भीड़ जमा रहती है।
अखंड सुहाग देने वाला करवा चौथ का व्रत अन्य सभी व्रतों से कठिन है क्योंकि इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जल रहने के बाद रात को चंद्रमा को अर्ध्य देकर ही भोजन करती हैं।
कथा एवं पूजा का शुभ समय- 17:45 से 19:00 तक
इस बार करवाचौथ के दिन चांद का दीदार सुहागनें अपने शहर में इस सारणी के अनुसार करेंगी-
करवा चौथ में चंद्र उदय का मुहूर्त
दिल्ली में- रात 8:29 बजे
चंडीगढ़- रात 8:46 बजे
जयपुर- रात 8:58 बजे
जोधपुर- रात 9:10 बजे
मुंबई- रात 9:22 बजे
बंगलुरु- रात 9:12 बजे
हैदराबाद- रात 9:22 बजे
देहरादून- रात 8:44
पटियाला- रात 8:50 बजे
लुधियाना- रात 8:50 बजे
पटना- रात 8:46 बजे
लखनऊ- रात 8:37 बजे
वाराणसी- रात 8:37 बजे
कोलकाता- रात 8:13 बजे
व्रत खोलने का मुहूर्त रात्रि चांद दिखने पर 9 बजे के बाद होगा। चंद्र किरण 9 बजे से कुछ पहले दिखनी शुरू हो जाएगी परंतु इस बार चंद्र दर्शन 9 बजे के बाद ही होंगे।