Edited By ,Updated: 14 Jun, 2016 08:18 PM
चीन ने अमेरिका पर भारत को उसके खिलाफ एक संतुलनकारी ताकत के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप ...
नई दिल्ली: चीन ने अमेरिका पर भारत को उसके खिलाफ एक संतुलनकारी ताकत के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के दावे को विफल करने की मुहिम छेड़ दी है और कहा है कि समूह में भारत की सदस्यता से दक्षिण एशिया में परमाणु टकराव पैदा हो सकता है। चीनी नेतृत्व ने ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से अपने विचारों को प्रकट किया है।
जटिल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के विचार अक्सर इस सरकारी नियंत्रण वाले अखबार के माध्यम से रखे जाते हैं। अखबार में परमाणु महत्वाकांक्षा को दृष्टिहीन ना बनाए भारत शीर्षक से एक विचारपरक लेख में कहा गया है कि परमाणु क्षेत्र में सहयोग से परे अमेरिका भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र के केन्द्र में एक संतुलनकारी ताकत के रूप में देखता है। वह चीन पर अंकुश रखने के उद्देश्य से भारत की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए परमाणु तकनीक दे रहा है। इस प्रकार से चीन ने परमाणु सामग्री का कारोबार पर नियंत्रण रखने वाले समूह एनएसजी में सदस्यता के भारत के दावे के विरोध में खुलकर मुहिम शुरू कर दी है।
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में 24 जून को समूह के पूर्ण सत्र की बैठक में भारत के आवेदन पर विचार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाल में संपन्न पांच देशों के दौरे पर अखबार ने कहा कि अमेरिका और कुछ एनएसजी सदस्य भारत की सदस्यता को समर्थन दे रहे हैं लेकिन अधिकतर देशों खासकर चीन ने विरोध किया है जिससे भारत चिढ़ गया है।