Edited By ,Updated: 08 Jul, 2016 09:37 PM
विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर केंद्र की आेर से शुरू की गई छानबीन का शिकंजा कसता जा रहा है।
नई दिल्ली: विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर केंद्र की आेर से शुरू की गई छानबीन का शिकंजा कसता जा रहा है। नाइक के एनजीआे इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को विदेशों से मिलने वाले धन की जांच के साथ-साथ उनके उन व्याख्यानों की सीडी की भी जांच शुरू कर दी गई जिनसे ढाका आतंकवादी हमले के कुछ हमलावर कथित तौर पर प्रेरित हुए थे। केंद्र ने यह कदम एेसे समय में उठाया है जब महाराष्ट्र सरकार ने 50 साल के इस्लामी धर्म प्रचारक के उन व्याख्यानों की जांच के आदेश दिए हैं जिन पर विवाद पैदा हुआ है।
आईआरएफ की गतिविधियां केंद्रीय गृह मंत्रालय की नजरों में तब आईं जब ये आरोप लगे कि इस संस्था की आेर से प्राप्त किए गए विदेशी धन को राजनीतिक गतिविधियों और लोगों में कट्टरपंथी भावनाएं पैदा करने के लिए खर्च किया गया। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत आईआरएफ की गतिविधियों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में ये आरोप आएंगे कि आईआरएफ को विदेशों से मिले चंदे का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और लोगों को इस्लाम की तरफ प्रेरित करने और युवाओं को आतंकवाद की तरफ ‘‘आकर्षित’’ करने में किया गया। एेसी सभी गतिविधियां एफसीआरए के प्रावधानों के विपरीत हैं और इस कानून के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है। अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय आईआरएफ को विदेशों से मिलने वाले धन के स्रोत का भी पता लगाएगा ।