Edited By ,Updated: 17 Oct, 2015 08:07 PM
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में 5,000 करोड़ रुपए की लागत से 1,200 किलोमीटर सड़कों के डिजाइन फिर ...
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में 5,000 करोड़ रुपए की लागत से 1,200 किलोमीटर सड़कों के डिजाइन फिर से तैयार करेगी। इसका मकसद यूरोपीय शहरों की तर्ज पर साइकिल तथा पैदल यात्रियों एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए सड़कों को अनुकूल बनाना है। परियोजना के तहत सड़कों के समीप ग्लास पैनल युक्त लिफ्ट, शौचालय ब्लॉक, सौर उर्जा चालित स्ट्रीट लाइट तथा वर्षा जल संचयन प्रणाली समेत अन्य साजो सामान की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही ठेले, खोमचे वालों के लिए जगह बनाई जाएगी जबकि कुछ सड़कें केवल सार्वजनिक परिवहन के लिए होंगी। इस महत्वकांक्षी परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री डिजाइन ने कहा कि दिल्ली में यातायात की समस्या जगह की कमी के बजाए सड़कों की डिजाइन में गड़बड़ी से जुड़ी है और उनकी सरकार उसे सुधारने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि जरूरतों के हिसाब से विभिन्न सड़कों के डिजाइन अलग-अलग होंगे। लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि पायलट परियोजना के लिए 10 सड़कों की पहचान की गई है जिसे आठ महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा और उसके बाद दिल्ली सरकार की सभी सड़कों के डिजाइन फिर से तैयार किए जाएंगे। जैन के अनुसार सरकार का मानना है कि राजधानी की सड़कों का बड़ा हिस्सा कारों के कब्जे में है जबकि सड़क उपयोग करने वालों में वाहन चालकों का हिस्सा करीब 1.5 प्रतिशत है। जैन ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘पैदल चलने वाले और सार्वजनिक परिवहन हमारी पहली प्राथमिकता है और उसके बाद यदि जगह बचती है तो वह दूसरे वाहन चालाकों के लिए होगी।’’