Edited By ,Updated: 25 May, 2016 07:31 PM
विकासपरक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों और पूर्वोत्तर राज्य असम में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता ...
नई दिल्ली : विकासपरक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों और पूर्वोत्तर राज्य असम में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन की जीत के साथ मोदी सरकार अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर रही है लेकिन वह महंगाई पर लगाम न लगा पाने और साप्रदायिक बयानों पर अंकुश लगाने में असफल रहने के विपक्ष के आरोप से भी घिरी रही है। सरकार इस मौके पर जहां अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को जोरशोर से लोगों के सामने पेश कर रही है, वहीं विपक्षी दल उनके पूरा होने पर संशय व्यक्त कर रहे हैं।
हालांकि मोदी सरकार ने देश की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होने के संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सकारात्मक अनुमान तथा पूर्वोत्तर राज्य असम में भारतीय जनता पार्टी की जीत से अपने आलोचकों को चुप करा दिया है। मोदी सरकार के बारे में अभी तक आम धारणा यह है कि इस सरकार का शासन भ्रष्टाचार मुक्त रहा है और यदि सूखा न पड़ होता तो खाद्य वस्तुओं की कीमतों और मुद्रा स्फीति पर नियंत्रण लगाने के कारण स्थिति ज्यादा बेहतर होती।
सरकार इस बात से खुश है कि इस बार मानसून अच्छा रहेगा और ऐसी स्थिति में वह कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि पर भी लगाम लगाने में कामयाब रहेगी जिससे कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि लगातार दो साल मॉनसून कमजोर रहने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2015-16 में 7.6 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है और मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, चालू खाता घाटे में में कमी आदि के कारण विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश के पर्याप्त अवसर हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे धीरे गति पकड़ रही है और इस साल तक इसके 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान है। विश्व बैंक की स्थिति और संभावना रिपोर्ट में भारत में 2017 में सकल घरेलू उत्पाद 7.5 प्रतिशत तक बढऩे का अनुमान जताया गया है। मोदी सरकार ने 2014 सत्ता में आते ही योजनाओं की झड़ी लगा दी थी। इस समय 50 से अधिक योजनाओं पर काम चल रहा है और उनकी समय समय पर समीक्षा की जा रही है। कई लोगों का कहना है कि सरकार को अपने कामकाज में नाकामी और सफलता दोनों मिली है।