Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 12:59 AM
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी विधेयक को पारित करने की जोरदार पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी इस सिलसिले में केन्द्र के लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ेगी और...
नई दिल्ली: कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी विधेयक को पारित करने की जोरदार पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी इस सिलसिले में केन्द्र के लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ेगी और इस मामले में विपक्ष की पूरी भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की एक कार्यशाला में भाग लेते हुए राहुल ने देश की इस सबसे पुरानी पार्टी में बदलाव लाने के लिए महिलाओं द्वारा निभायी जाने वाली भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने इस कार्यशाला के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे उनकी पार्टी ने ‘‘गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी)’’ में 28 प्रतिशत दर की सूची से कई वस्तुओं को दबाव डालकर बाहर निकलवाया वैसे ही वह महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी।
राहुल ने कहा, ‘‘..सरकार को साफ संदेश देंगे कि आपको महिला आरक्षण तो लागू करना ही पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी आपको विकल्प नहीं देगी। ये हमारा विपक्ष का रोल (भूमिक) है और हम इसको पूरा करेंगे।’’ कांग्रेस इस विधेयक को पारित करवाने पर शुरू से ही बल दे रही है। निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करवाने का अनुरोध किया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आश्वासन दिया था कि यदि सरकार महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित करवाने के लिए लाती है तो कांग्रेस पार्टी पूरा सहयोग देगी। राहुल ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘आप कभी गांधी जी की कोई भी फोटो देखिए, उसमें आपको गांधी जी के पास तीन-चार महिलाएं जरुर दिखाई देंगी। जैसा मैंने कहा कि आरएसएस का जो संगठन है, उसमें महिला घुस भी नहीं सकती है। वो उनकी विचारधारा है...। हमें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को देश में फैलाना है और ये काम करने के लिए महिलाओं की जरुरत है।’’