Edited By bharti,Updated: 29 Apr, 2018 06:33 PM
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की इण्टरमीडियट की परीक्षा में बेहद गरीब परिवार से...
नई दिल्ली : माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की इण्टरमीडियट की परीक्षा में बेहद गरीब परिवार से आने वाले छात्र आकाश मौर्य ने शीर्ष स्थान हासिल कर एक मिसाल कायम की है।आकाश ने आज घोषित परीक्षा परिणाम में 93.20 प्रतिशत अंक हासिल कर वरीयता सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
आटो रिक्शा चलाते हैं आकाश के पिता
आकाश के पिता कुलदीप मौर्य आटो रिक्शा चलाते हैं। छोटी आमदनी के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उनके जज्बे को उनके बेटे ने सबसे माकूल तरीके से सलाम किया है। आकाश ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति के मद्देनजर उनका ट्यूशन पढऩा मुमकिन नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने स्कूल साईं इंटर कॉलेज के अध्यापकों की मदद से मन लगाकर पढ़ाई की, जिसका इतना सुखद परिणाम पाकर वह बेहद खुश हैं। वह दिन में स्कूल के अलावा छह-सात घंटे घर पर पढ़ाई करते थे। भविष्य में मैकेनिकल इंजीनियर बनने की ख्वाहिश रखने वाले आकाश ने इस बार परीक्षा में बेहद सख्ती किये जाने को अच्छा बताते हुए कहा कि दो साल पहले हाईस्कूल में कड़ी मेहनत करने के बावजूद उन्हें अपेक्षित अंक नहीं मिले थे।
मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहता है आकाश
इस बार परीक्षा का माहौल बहुत अच्छा था और इस बार उन्होंने जितनी मेहनत की, परिणाम भी उसी के मुताबिक आया।आकाश के पिता कुलदीप ने बताया कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये ही वह करीब तीन साल पहले बदोसरांय के पास स्थित अपने गांव मरकामऊ बरदरी को छोड़कर बाराबंकी शहर आये और गरीब तबके के लोगों के लिये बनायी गयी कांशीराम कॉलोनी में किराये पर रहने लगे। परिवार पालने के लिये इन दिनों वह ऑटो रिक्शा चलाते हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही इंजीनियरिंग की शिक्षा बहुत महंगी है लेकिन वह किसी भी तरह आकाश के मैकेनिकल इंजीनियर बनने के सपने को पूरा करेंगे।बहरहाल, आकाश के पिता के साथ-साथ उनकी मां फूल केसरी भी अपने बेटे की सफलता पर बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि उनका बेटा हमेशा से बहुत मेहनती रहा है और हमें उम्मीद है कि वह कामयाबी की और बुलंदियां भी छुएगा।