Edited By ,Updated: 04 Jul, 2016 01:08 AM
गाजीपुर में सोमवार को एक फौजी सीमा पर ड्यूटी देने की बजाय पुलिस अधीक्षक के परिवार परामर्श केंद्र में अपनी समस्या लेकर पहुंचा।
लखनऊ: गाजीपुर में सोमवार को एक फौजी सीमा पर ड्यूटी देने की बजाय पुलिस अधीक्षक के परिवार परामर्श केंद्र में अपनी समस्या लेकर पहुंचा। फौजी ने शिकायत की है कि उसकी पत्नी सुहागरात को सिगरेट पीने लगी और मुझे भी जबरदस्ती देने लगी। वहां पर हर व्यक्ति सैनिक की पीड़ा को सुनने के बाद हैरान था। पति के आरोप पर पत्नी ने उसको सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही उसने फौजी से तलाक की पेशकश कर दी। सदस्यों ने उसे काफी समझाया लेकिन वह उनकी एक न सुनी और लिखित शिकायत दी कि अगर वह ससुराल गई तो उसे मार दिया जाएगा।
गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र के फुल्लनपुर गांव के सुनील (परिवर्तित नाम) सेना में कार्यरत हैं। उन्होंने 12 जून को अपर पुलिस अधीक्षक नगर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनकी शादी 13 दिसंबर 2015 में सुहवल थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव की रजवंती (परिवर्तित नाम) के साथ हुई थी। पति सुनील का कहना है कि परिवार के लोगों ने दहेज रहित विवाह किया। पत्नी जब घर आई तो सुहागरात को ही सिगरेट जलाकर पीने को मजबूर करने लगी। जब मैंने इन्कार किया तो उसने कमरे में अलग बिस्तर लगा लिया और कमरे में सिगरेट के छल्ले उड़ाने लगी। कई दिनों तक उसे समझाया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुई।
इससे अलग पत्नी रजवंती का कहना है कि उसके पति ने मेरे नाम से फेसबुक पर फेक आइडी बनाकर मेरी पसर्नल फोटो अपलोड कर दी है। मेरी ही आइडी से लोगों से बात करते थे। मैंने कई बार टोका लेकिन वह जब नहीं माने तो मैंने आइडी को लाक कराया। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। बात-बात पर धमकी देते हैं। दोनों की बात सुनने के बाद परिवार परमार्श केंद्र के सदस्यों ने समझाया। पति बार-बार पत्नी को साथ ले जाने की जिद कर रहा था जबकि पत्नी उसके साथ रहने से इन्कार कर रही थी। बात नहीं बनने पर सदस्यों ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई मुकर्रर कर दी।
तलाक दूंगी मगर दहेज की रकम लेने के बाद
परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने जब फौजी की पत्नी से कहा कि अगर अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती हो तो तलाक दे दो। यह बात सुनने के बाद फौजी की पत्नी ने कहा कि तालाक उसी शर्त पर दूंगी, जब दहेज की रकम ससुराल के लोग वापस करेंगे। उसकी बात सुनने के बाद सब सन्न रह गए। सदस्यों ने कहा कि दोनों पक्ष के लोग आपस में बैठ कर विचार-विमर्श करें। इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।