Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Jun, 2020 09:51 PM
नैनीताल, पांच जून (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए तय दिशानिर्देशों का प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उल्लंघन किए जाने का दावा करने वाली एक जनहित याचिका पर राज्य और केंद्र...
नैनीताल, पांच जून (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए तय दिशानिर्देशों का प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उल्लंघन किए जाने का दावा करने वाली एक जनहित याचिका पर राज्य और केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा।
न्यायालय ने कहा कि जब पृथकवास के नियमों का उल्लंघन करने पर जनता को वैधानिक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है तो यह जरूरी है कि जनप्रतिनिधियों की भी इन नियमों की धज्जियां उड़ाने पर जवाबदेही हो।
न्यायालय ने महाराज को भी इस संबंध में तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई की।
देहरादून निवासी उमेश कुमार शर्मा ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया है कि कैबिनेट मंत्री महाराज देहरादून के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश के तहत 29 मई से तीन जून तक पृथकवास में थे लेकिन इस अवधि के दौरान उन्होंने मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि 25 से 27 मई तक महाराज अपनी विधानसभा के दौरे पर थे जिसके बाद उन्होंने 29 मई को मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लिया । इसी के बाद उनके और परिवार के सदस्यों की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई जिसके चलते कई उच्चाधिकारियों तथा मंत्रियों को भी पृथकवास में जाना पड़ा।
जनहित याचिका में महाराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने पर भी सवाल खड़ा किया गया है। याचिका में प्रार्थना की गयी है कि मंत्री के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
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