गूगल और फेसबुक के सितारे बुलंदियों पर कैसे पंहुचे जानें, इसका राज!

Edited By ,Updated: 16 Nov, 2015 01:28 PM

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वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी देश की भूमि की ऊंचाई, नीचाई और दिशाओं का घटना-बढ़ना अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। वास्तु सिद्धांत के अनुसार विश्व का वही स्थान प्रसिद्धि प्राप्त करता है

वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी देश की भूमि की ऊंचाई, नीचाई और दिशाओं का घटना-बढ़ना अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। वास्तु सिद्धांत के अनुसार विश्व का वही स्थान प्रसिद्धि प्राप्त करता है जिसकी उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार की नीचाई हो और यदि इस नीचाई के साथ यहां पानी का जमाव भी हो, तो वह स्थान विशेष प्रसिद्धि प्राप्त करता है। इसी प्रकार पूर्व दिशा की नीचाई समृद्धि लाती है और नीचाई के साथ पानी का जमाव भी हो तो अत्यधिक समृद्धि आती है।
 
विश्व के सातों आश्चर्य भी अपनी उत्तर दिशा की अनुकूलता के कारण ही प्रसिद्ध हैं। सभी आश्चर्यो की उत्तर दिशा में गहरी नीचाई है और ज्यादातर आश्चर्यों की उत्तर दिशा में पानी है जैसे ताजमहल की उत्तर दिशा में यमुना नदी और पैरिस के एफिल टावर की उत्तर दिशा में सान नदी बह रही है, म्रिस के गीजा पिरामिड़ की उत्तर दिशा में गहरी नीचाई के साथ, पूर्व दिशा में नील नदी बह रही है। विश्व का सबसे धनी एवं प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ईसाईयों की पवित्र नगरी वेटिकन सिटी की इस स्थिति में भी उत्तर एवं पूर्व दिशा में बह रही टाईबर नदी की ही अहम् भूमिका है।
 
इसी प्रकार भारत के पहले और विश्व के दूसरे नम्बर के धनी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तिरुपति बालाजी की उत्तर दिशा में बड़े आकार का स्वामी पुष्यकरणी कुण्ड के साथ-साथ उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण में तीखा ढलान है और दक्षिण-पश्चिम दिशा में ऊंचाई है। जम्मू, कटरा स्थित वैष्णोदेवी मंदिर एवं शिर्डी स्थित सांईबाबा के मंदिर की उत्तर दिशा में भी नीचाई है। प्रसिद्ध तीर्थ श्रीनाथ जी नाथद्वारा की उत्तर दिशा में राजस्थान की सबसे बड़ी नदी बनास बह रही है और मन्दिर की दक्षिण तथा पश्चिम दिशा ऊंची और उत्तर तथा पूर्व दिशा नीची हो रही है। हरिद्वार स्थित हर की पौढ़ी की प्रसिद्धि का कारण दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर नीचाई तथा पश्चिम दिशा के पहाड़ की ऊंचाई और पूर्व दिशा में बह रही गंगा नदी की नीचाई है। मदुरै स्थित मीनाक्षी मंदिर को उत्तर दिशा में बहने वाली वैगै नदी के कारण ही प्रसिद्धि मिली है। इसी प्रकार दक्षिण भारत के सभी प्रसिद्ध मंदिरों जैसे ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम्, गुरुवयूर मंदिर त्रिशुर, कण्ठेश्वरा मंदिर नंजनगुड मैसूर, श्रीरंगनाथ स्वामी श्रीरंगपत्तनम्, पद्मनाभ स्वामी मंदिर तिरुअन्नतपुरम्, सुचीद्रम टेम्पल कन्याकुमारी, वडक्कन्नाथन मंदिर त्रिशुर इत्यादि मंदिरों में उत्तर दिशा में पानी के कुण्ड हैं या नदी बह रही है। जयपुर स्थित आमेर का किला, हैदराबाद स्थित गोलकुण्डा फोर्ट की प्रसिद्धि में भी उत्तर एवं पूर्व दिशा की नीचाई और वहां पानी का जमाव ही उन्हें प्रसिद्धि दिलाने में सहायक हो रहा है। इसी प्रकार चंड़ीगढ़ की प्रसिद्धि ईशान कोण स्थित सुखना लेक और जयपुर की प्रसिद्धि में ईशान कोण स्थित जलमहल तालाब के कारण है।
 
जब हम पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति का वास्तु सिद्धान्तों के अनुसार अध्ययन करते हैं तो हम पाते हैं कि जो देश प्रभुत्ता सम्पन्न हैं, शक्तिशाली हैं, समृद्धशाली हैं और जिनकी ताकत का लोहा विश्व के अन्य देश मानते हैं। उन देशों की दक्षिण-पश्चिम दिशा में ऊंचाई है और उत्तर-पूर्व दिशा में नीचाई है। इसके विपरीत जिन देशों में उत्तर-पूर्व दिशा में ऊंचाई और दक्षिण-पश्चिम दिशा में नीचाई है वह देश सामरिक रुप से कमजोर हैं। ऐसे देश गरीब और कम विकसित होने के साथ-साथ सदियों से विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
 
गूगल और फेसबुक का हेडक्वार्टर अमेरिका के सिलीकान वैली में स्थित है। जहां एक तो अमेरिका की भौगोलिक स्थिति वास्तुनुकूल है वहीं सोने में सुहागे वाली बात यह हो गई कि सिलीकाॅन वैली का एरिया भी पूर्णतः वास्तुनुकूल है और वास्तुनुकूल सिलीकाॅन वैली में स्थित गूगल और फेसबुक का हेड क्वार्टर होने से यह दोनों विश्व भर में अपनी सफलताओं के परचम को फहरा रहें हैं।
 
अमेरिका की मुख्य भूमि की उत्तर दिशा की ओर कनाड़ा और दक्षिण एवं नैऋत्य कोण में मैक्सिकों है। इसकी पूर्व एवं पश्चिम दिशा पानी से घिरी है। एक ओर जहां उत्तर ईशान कटा हुआ है वहीं दूसरी ओर पूर्व ईशान बढ़ा हुआ है, किन्तु कटे हुए उत्तर ईशान में झील के रूप में पानी का बड़ा जमाव है। जहां पर विश्व प्रसिद्ध न्याग्ररा फाल है। यहां भूमि का ढलान भी उत्तर, पूर्व दिशा तथा ईशान कोण की तरफ ही है।
उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण की इन्हीं वास्तुनुकूलताओं के कारण अमेरिका को यश मिलता है और समृद्धि मिली है। इसी वास्तुनुकूलता के कारण अमेरिका की आर्थिक स्थिति सुदृढ होने के कारण पूर्णतः विकसित और ताकतवर है।
 
इसी प्रकार सिलीकान वैली स्थित फेसबुक और गूगल के हेडक्वार्टर की दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में माऊण्ट लिट्रा की ऊंचाई है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण यहां की जमीन का ढ़लान उत्तर तथा पूर्व दिशा की ओर है जहां ढ़लान के बाद समुद्र है। गूगल तथा फेसबुक के हेडक्वार्टर पहाड़ के ढ़लान के बीच वाले भाग में स्थित है।
 
गूगल और फेसबुक के हेडक्वार्टर की भौगोलिक स्थिति चायनीज वास्तुशास्त्र फेंगशुई के सिद्धान्तों के भी अनुकूल है। फेंगशुई का एक सिद्धान्त है कि, ऐसा भवन जिसके पीछे पहाड़ की ऊंचाई हो, आगे की तरफ ढ़लान हो और ढ़लान के बाद पानी का झरना, कुण्ड, तालाब, नदी या सागर हो, ऐसा भवन प्रसिद्धि पाता है और सदियों तक बना रहता है। फेंगशुई के इस सिद्धान्त में दिशा का कोई महत्त्व नहीं है। ऐसा भवन किसी भी दिशा में हो सकता है।
 
इस प्रकार वास्तुनुकूल देश में वास्तनुकूल स्थान पर गूगल एवं फेसबुक का हेडक्वार्टर होने के कारण ही आज गूगल और फेसबुक ने इतनी शानदार सफलता एवं उपलब्धियां प्राप्त की है।
 
वास्तुगुरू कुलदीप सलूजा

thenebula2001@yahoo.co.in 

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