Edited By ,Updated: 26 Jun, 2016 10:04 AM
वास्तुनुसार बताए उपायों को करने से निजी अौर व्यावसायिक जीवन से जुड़ी बहुत सारी
वास्तुनुसार बताए उपायों को करने से निजी अौर व्यावसायिक जीवन से जुड़ी बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। घर का वास्तु ठीक न होने से पारिवारिक सदस्यों के बीच अनबन रहती है। यहां तक की पिता-पुत्र के मध्य लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। कुछ उपायों का प्रयोग करके इन समस्याअों से मुक्ति पाई जा सकती है।
* घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्वी भाग का टूटा होने से पिता-पुत्र में आपसी मुद्दों को लेकर लड़ाईयां होती रहती हैं। इसलिए इन कोनों को ठीक रखें।
* ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) कोने में भंडार कक्ष अौर पर्वत की तरह आकृति बनाने से भी बेटे एवं पिता के संबंधों में चिंताएं होने के कारण इनका एक-दूसरे पर विश्वास नहीं रहता। इन भागों में इनका निर्माण न करें।
* रसोई घर या शौचालय उत्तर-पूर्व दिशा में बनाने से पारिवारिक सदस्यों के संबंध प्रभावित होते हैं अौर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का आगमन होता है।
* वास्तु अनुसार घर के उत्तर-पूर्व दिशा को साफ-सुथरा रखने से घर में होने वाले झगड़ों से छुटकारा मिलता है अौर सुख-शांति में बढ़ौतरी होती है।
* इलेक्ट्रॉनिक, गर्मी पैदा करने वाले अन्य उपकरणों को ईशान अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से पुत्र-पिता के आदेशों को नहीं मानता अौर परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपमान करता है। ऐसे सामान को इस दिशा में न रखें।
* कूड़ेदान अौर कूड़ा-कर्कट को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से पारिवारिक सदस्यों के मध्य जलन एवं ईर्ष्या की भावना पैदा होती है।
* प्लाट उत्तर व दक्षिण में तंग तथा पूर्व व पश्चिम में लंबा हो तो ऐसे स्थान को सूर्यभेदी कहते हैं। ऐसे स्थानों पर रहने से बेटे अौर पिता के मध्य लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। ऐसे स्थानों पर घर न बनाएं।
* कांच या शीशे को शयन कक्ष में न रखें। आईने में बेड के दिखाई देने से रोगों अौर नकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।