Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Nov, 2020 08:21 PM
कोलकाता, आठ नवंबर (भाषा) कच्चे जूट के आपूर्तिकर्ताओं (बेलर) ने 23 नवंबर से व्यापारिक गतिविधियों को स्थगित करने की धमकी दी है। उन्होंने अधिकतम भंडारण सीमा को 1,500 क्विंटल से घटाकर 500 क्विंटल करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में यह कमद...
कोलकाता, आठ नवंबर (भाषा) कच्चे जूट के आपूर्तिकर्ताओं (बेलर) ने 23 नवंबर से व्यापारिक गतिविधियों को स्थगित करने की धमकी दी है। उन्होंने अधिकतम भंडारण सीमा को 1,500 क्विंटल से घटाकर 500 क्विंटल करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में यह कमद उठाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा पटसन गांठ की आपूर्ति करने वालों के आंदोलन से मिलों को कच्चे माल की आपूर्ति और जूट की बोरियों का विनिर्माण प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अनाजों को पैक करने के लिये पहले से थैलों की कमी की स्थिति इस संकट से गंभीर हो सकती है।
जूट बेलर्स एसोसिएशन ने मिलों के संगठन को लिखे एक पत्र में सूचित किया कि वे 23 जून से कच्चे जूट से संबंधित सभी गतिविधियां बंद कर देंगे।
जूट आयुक्त ने जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से अगस्त में अधिकतम भंडारण सीमा 1,500 क्विंटल तय कर दी थी। शुक्रवार को आयुक्त ने निर्देश दिया कि इस सीमा को अगले 10 दिन में घटाकर 500 क्विंटल कर लिया जाये।
यह कदम जूट की कीमत 4,225 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में बढ़कर छह हजार रुपये प्रति क्विंटल हो जाने के बाद उठाया गया।
जूट बेलर्स एसोसिएशन के सचिव एके पालित ने कहा, ‘‘हम यह निर्णय लेने के लिये मजबूर हो गए हैं क्योंकि इस तरह की मात्रा के साथ व्यापार करना लगभग असंभव है।"
जूट आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि असामान्य मूल्य वृद्धि को रोकने के लिये नियंत्रण के उपाय किये गये थे,और वे स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।