प. बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘कृषि से अलग’ आमदनी के स्रोतों को प्रोत्साहन दे रहा है नाबार्ड

Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Nov, 2020 01:16 PM

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कोलकाता, 22 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र की कृषि पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए ‘खेतों से बाहर’ के क्षेत्रों को प्रोत्साहन दे रहा है।

कोलकाता, 22 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र की कृषि पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए ‘खेतों से बाहर’ के क्षेत्रों को प्रोत्साहन दे रहा है।
नाबार्ड ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के 20 प्रतिशत लोग अब भी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। यहां लोगों के पास औसतन 0.77 हेक्टेयर जमीन है।
नाबार्ड के उप महाप्रबंधक कमलेश कुमार ने शनिवार को कहा, ‘‘प. बंगाल में अब भी 20 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन रहे हैं। यहां प्रति व्यक्ति औसतन जमीन का स्वामित्व 0.77 हेक्टेयर है। नाबार्ड प. बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है। हम युवा उद्यमियों को हथकरघा क्षेत्र की ओर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
पत्र सूचना ब्यूरो, कोलकाता और फील्ड आउटरीच ब्यूरो, चुचुरा द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल’ पर वेबिनार को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि हथकरघा क्षेत्र के विकास से छोटे और कृषि क्षेत्र के श्रमिकों को आजीविका के लिए शहरी क्षेत्रों को पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
कुमार ने कहा कि इस तरह के पलायन के रोकने के लिए नाबार्ड कृषि क्षेत्र से बाहर उत्पादक संगठनों (ओएफपीओ) के गठन पर अधिक जोर दे रहा है। इसमें ग्रामीण बुनकरों, कारीगरों आदि के सहयोग से सामूहिक कारोबारी गतिविधियों चलाई जाएंगी और मूल्यवर्धन के जरिये स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हो सकेगा।



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