सावधानी और स्वच्छता ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय

Edited By ,Updated: 08 Mar, 2020 02:39 AM

precaution and hygiene are the only ways to prevent corona

दिसम्बर, 2019 में चीन से फैलने शुरू हुए इंसानी शरीर के बाल के 900वें हिस्से से भी बारीक कोरोना वायरस से समस्त विश्व में अत्यधिक दहशत फैली हुई है। कोरोना की दहशत का आलम यह है कि अमरीका के राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हफ्तों से अपने चेहरे को हाथ नहीं...

दिसम्बर, 2019 में चीन से फैलने शुरू हुए इंसानी शरीर के बाल के 900वें हिस्से से भी बारीक कोरोना वायरस से समस्त विश्व में अत्यधिक दहशत फैली हुई है। कोरोना की दहशत का आलम यह है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हफ्तों से अपने चेहरे को हाथ नहीं लगाया। अभी तक भारत में कोरोना के 33 पाजीटिव केस सामने आ चुके हैं जबकि 29,000 से अधिक लोग निगरानी में हैं। इसी के दृष्टिगत स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक में संबंधित पक्षों को क्वारेन्टाइन सुविधाएं, आइसोलेशन वार्ड और टेस्टिंग लैब आदि तैयार रखने व इससे बचाव बारे लोगों को अधिकतम जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालात नियंत्रित होने तक लोगों को भीड़ भरे आयोजन, फैमिली गैट-टू-गैदर, शादी की पार्टियां आदि न करने तथा सिनेमाघरों, शापिंग माल्स, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों आदि पर जाने से बचने को कहा है। इसके साथ ही जहां कुछ राज्यों में स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं वहीं केंद्र और कुछ राज्य सरकारों ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों को बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने का नियम 31 मार्च तक स्थगित करने के लिए कहा है। लोगों को ईरान, इटली, चीन, कोरिया, सिंगापुर आदि की यात्रा न करने और पर्सनल हाइजीन बारे कुछ सावधानियां बरतने को भी कहा गया है। इनमें बार-बार हाथ धोकर हाथों को साफ रखने, हाथ धोने के लिए लगभग 70 प्रतिशत अल्कोहलयुक्त सैनीटाइजर और एंटीबैक्टीरियल साबुन प्रयोग करने, बार-बार गंदे हाथों से आंख, मुंह और नाक न छूने की सलाह दी गई है। 

कोरोना का वायरस हाथ मिलाने पर स्वत: ही दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है इसलिए किसी से भी हाथ मिलाने से संकोच करना ही बेहतर है। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू से ढांप कर साफ करना और इस्तेमालशुदा टिश्यू को डस्टबिन में फैंक देना चाहिए। कोरोना वायरस (कोविड 19) में पहले बुखार, फिर सूखी खांसी और फिर एक सप्ताह बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है परंतु कोरोना वायरस के संक्रमण का पता तो समुचित डाक्टरी जांच के बाद ही लग पाता है। अब तक के शोध के अनुसार यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सांस लेने, सांस छोडऩे, खांसने और छींकने के कारण फैल रहा है। अत: सर्दी, जुकाम से पीड़ित लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए। इस बीच देश में सुरक्षात्मक मास्क एवं सैनिटाइजरों की किल्लत और काला बाजारी के समाचारों का संज्ञान लेते हुए इन वस्तुओं की कालाबाजारी  करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि जहां 2-2 रुपए वाला मास्क बाजार में 50-50 रुपए में बिक रहा है वहीं बुखार की सामान्य पैरासिटामोल जैसी गोलियां भी काला बाजार में दो-दो, चार-चार गुणा अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं। डेटाल और सेवलान जैसे विषाणुरोधक भी बाजार से गायब हो गए हैं। 

इसी प्रकार कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए डाक्टर भी पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं हैं और सरकार की ओर से लोगों को कोरोना से बचाव के लिए पूरी तरह जागरूक भी नहीं किया जा रहा। बहरहाल अब जबकि भारत सरकार और राज्य सरकारें इस समस्या से निपटने के लिए यथासंभव प्रयास करने का दावा कर रही हैं, इस समस्या से निपटने के लिए प्रयासों को और तेज करना तथा स्वास्थ्य केंद्रों में हाईजीन के प्रबंध बेहतर बनाने और सुरक्षात्मक मास्क, विषाणुरोधक सैनीटाइजर और अन्य दवाएं तथा डेटॉल और सेवलॉन आदि की लोगों को उचित मूल्यों पर सरकार द्वारा उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है। इस संबंध में अमरीका का उदाहरण दिया जा सकता है जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना संबंधी शोध के लिए 75000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।—विजय कुमार 

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