‘राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हांगकांग में चीन ने लगाया इंटरनैट पर प्रतिबंध’

Edited By ,Updated: 23 Jan, 2021 04:35 AM

china bans internet in hong kong in the name of national security

चीन ने हांगकांग पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुख्यभूमि चीन की तर्ज पर अब हांगकांग में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कई वैबसाइटों पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया है। यानी अब तक हांगकांग इंटरनैट के क्षेत्र में जिस आजादी का आनंद..

चीन ने हांगकांग पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुख्यभूमि चीन की तर्ज पर अब हांगकांग में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कई वैबसाइटों पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया है। यानी अब तक हांगकांग इंटरनैट के क्षेत्र में जिस आजादी का आनंद उठा रहा था उसे चीन ने छीन लिया है। हांगकांग में इस बात को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि अब जल्दी ही चीन दूसरे प्रतिबंध भी लगाना शुरू करेगा। इसे हांगकांग में रहने वाले सूचना की स्वतंत्रता पर हमले के तौर पर देख रहे हैं। 

14 जनवरी को हांगकांग ब्रॉडबैंड नैटवर्क ने इस बात का खुलासा किया कि हांगकांग क्रॉनिकल्स वैबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, यह वह वैबसाइट है जो वर्ष 2019 में हांगकांग में हुए लोकतांत्रिक आंदोलन से जुड़ी हुई है और इस वैबसाइट पर सरकार विरोधी होने का आरोप लगाकर चीन की साम्यवादी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन की सरकार ने पहली बार हांगकांग में प्रैस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत पाबंदी लगाई है। हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जून 2020 में लागू किया गया था। 

वैबसाइट पर प्रतिबंध लगाने के कुछ ही घंटों बाद जिस कंपनी ने डॉट एच.के. डोमेन नेम को मंजूरी दी थी, कहा कि अब इस डोमेन नेम का इस्तेमाल करने वाले लोगों को गैर-कानूनी गतिविधियों में छूट नहीं दी जाएगी। इसके बाद हांगकांग डोमेन रजिस्ट्रेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने डॉट एच.के. डोमेन नेम इस्तेमाल करने वालों के लिए एक नोटिस जारी कर उन्हें नए कानून को मानने के लिए कहा। हांगकांग चैप्टर ऑफ इंटरनैट सोसाइटी के अध्यक्ष चाल्र्स लो ने कहा कि हम पहले दिन से ये बोल रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनने के बाद जल्दी ही इसे हांगकांग पर लागू किया जाएगा। चाल्र्स लो की सोसाइटी इंटरनैट की आजादी की वकालत करती रही है। 

चीन सरकार के इस कदम से अब हांगकांग में इंटरनैट की आजादी खतरे में पड़ गई है। जो हांगकांग कभी ‘एक देश दो व्यवस्था’ के अंतर्गत खुले माहौल वाला क्षेत्र था वह अब बंद होने के कगार पर है। अब यहां पर भी चीन में लागू ‘ग्रेट फायरवॉल’ का सिस्टम लागू हो गया है। 

जानकारों को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि समय के साथ हांगकांग पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जुलाई में स्थानीय पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत ज्यादा शक्तियां दी गईं। इसके तहत पुलिस को ये अधिकार मिल गए कि इंटरनैट कंपनियां अपने ग्राहकों की पूरी जानकारी पुलिस को देंगी और पुलिस को इंटरनैट को सैंसर करने का अधिकार भी दिया गया है। पुलिस के अत्याचार से बचने के लिए हांगकांग के लोगों ने अपनी लॉग डिटेल्स को मिटाना शुरू किया और साथ ही वी.पी.एन. को भी डाऊनलोड करना शुरू कर दिया जिससे उनके कोई भी इंटरनेट फुटप्रिंट्स कोई देख न सके। 

चाल्र्स लो ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद बहुत सारी आई.टी. कंपनियां दूसरे एशियाई शहरों का रुख करने पर विचार कर रही हैं, जैसे इन्वैस्टमैंट बैंक, वित्तीय संस्थान, बहुत सारी आई.टी. कंपनियों को उनके ग्राहकों ने आगाह भी कर दिया है कि वह हांगकांग की कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर सकेंगे क्योंकि अब वहां पर नए सुरक्षा कानून लागू हो गए हैं। पिछले साल जुलाई में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हांगकांग में लागू होने के बाद बहुत सारे इंटरनैट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल, माइक्रोसाफ्ट, टैलीग्राम और जूम ने अस्थाई रूप से हांगकांग सरकार से उपयोगकत्र्र्ता डाटा अनुरोध स्वीकार करना बंद कर दिया।

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