वित्त वर्ष 2025 में अब तक एडवांस टैक्स कलेक्शन 28% बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपए पर रहा: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jun, 2024 12:57 PM

advance tax collection so far in fy25 increased by 28

वित्त वर्ष 2025 के 16 जून तक एडवांस टैक्स कलेक्शन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 28 फीसदी बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपए हो गया है। 1 अप्रैल से 16 जून के बीच की अवधि में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि पर्सनल टैक्स कलेक्शन 3.79...

बिजनेस डेस्कः वित्त वर्ष 2025 के 16 जून तक एडवांस टैक्स कलेक्शन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 28 फीसदी बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपए हो गया है। 1 अप्रैल से 16 जून के बीच की अवधि में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि पर्सनल टैक्स कलेक्शन 3.79 लाख करोड़ रुपए रहा। इस अवधि के दौरान कुल 5.15 लाख करोड़ रुपए टैक्स कलेक्ट हुआ है। इस अवधि में कुल टैक्स कलेक्शन में पिछले वर्ष की तुलना में 22.89 फीसदी की मजबूत बढ़त हुई है। एक चैनल ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।

एडवांस टैक्स क्या है?

एडवांस टैक्स वह टैक्स है जिसे आप वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले, उसी वर्ष अर्जित आय पर चुकाते हैं। इसके तहत आपको वर्ष के अंत में एक बार में पूरी राशि का भुगतान करने के बजाय, किश्तों में भुगतान करना होता है। ये किश्तें 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च तक जमा की जा सकती हैं। वेतनभोगी व्यक्तियों के मामले में उनकी कंपनी महीने के अंत में उनके वेतन जमा करने से पहले टैक्स काट लेती है। हालांकि, करदाता के पास आय के अन्य स्रोत भी होने की संभावना हो सकती है जिसमें जमा राशि से मिलने वाला ब्याज, शेयरों और म्यूचुअल फंड की बिक्री पर प्राप्त कैपिटल गेन आदि। ऐसे में एडवांस टैक्स देयता की गणना में इन स्रोतों से होने वाली आय को भी ध्यान में रखना चाहिए।

किश्तों में एडवांस टैक्स का भुगतान

आपको 15 जून को अपनी अनुमानित अग्रिम कर देयता का 15 फीसदी भुगतान करना होगा। 15 सितंबर तक, आपको देय राशि का 45 फीसदी और 15 दिसंबर तक देय राशि का 75 फीसदी और 15 मार्च तक शेष राशि का 100 फीसदी भुगतान करना होता है। हालांकि, ऐसे स्व-रोजगार वाले व्यवसायियों और प्रोफेशनल्स के लिए नियम थोड़े अलग हैं जिन्होंने प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम का विकल्प चुना है। हालांकि उन्हें भी अग्रिम कर का भुगतान करना होता है लेकिन उनको कुछ रियायतों मिलती हैं। वे वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में 15 मार्च तक एक बार में भुगतान कर सकते हैं। यह रियायत इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि छोटे व्यवसायियों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपनी अग्रिम कर देयता का अनुमान लगाना मुश्किल हो सकता है।
 

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