Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jul, 2024 11:42 AM
उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कार (Hybrid Car) खरीदना अब सस्ता हो गया है क्योंकि इस तरह की कारों की कीमत 4 लाख रुपए तक घट गई है। कीमत घटने की असली वजह ऐसे वाहनों का पंजीकरण शुल्क शून्य करने का राज्य सरकार का फैसला है। वाहन उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि...
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में हाइब्रिड कार (Hybrid Car) खरीदना अब सस्ता हो गया है क्योंकि इस तरह की कारों की कीमत 4 लाख रुपए तक घट गई है। कीमत घटने की असली वजह ऐसे वाहनों का पंजीकरण शुल्क शून्य करने का राज्य सरकार का फैसला है। वाहन उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि स्वच्छ तकनीक को बढ़ावा देने के इरादे से योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह फैसला किया है, जिसके बाद पेट्रोल-डीजल तथा बैटरी के जरिये चलने वाली हाइब्रिड कारों की कीमत घट गई हैं।
उत्तर प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष के दौरान हर महीने करीब 100 हाइब्रिड कार बिकी थीं। राज्य सरकार ने वाहन पंजीकरण शुल्क में छूट देने के लिए हाइब्रिड वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के बराबर रखने के निर्देश दिए थे। उत्तर प्रदेश देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के सबसे बड़े बाजारों में शुमार है और इस नई छूट से यहां महंगी हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री को भी दम मिलने की उम्मीद है।
उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें छोटी दूरी का सफर इलेक्ट्रिक मोटर से ही पूरा कर लेती हैं, जबकि माइल्ड हाइब्रिड कारों के लिए पेट्रोल-डीजल इंजन जरूरी होता है। पहले ईवी का पंजीकरण मुफ्त में होता था मगर 10 लाख रुपए से कम के स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों पर 8 फीसदी पंजीकरण और इससे अधिक कीमत के वाहनों पर 10 फीसदी पंजीकरण शुल्क देना पड़ता था। अब पंजीकरण शुल्क हटने पर उत्तर प्रदेश में इन हाइब्रिड गाड़ियों की एक्स-शोरूम कीमत करीब 10 फीसदी तक कम हो गई है।
एक सूत्र ने बताया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश जुलाई से प्रभावी हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मारुति ग्रैंड विटारा (Grand Vitara) करीब 2 लाख रुपए सस्ती हो गई है। इसी तरह मारुति इनविक्टो की कीमत भी करीब 3 लाख रुपए घट गई है।’ सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2023 में नोएडा में 900 इलेक्ट्रिक कारें बिकी थीं। पिछले वर्ष यह शहर देश के शीर्ष 20 इलेक्ट्रिक कार बाजारों में शामिल था। उनका कहना है कि हाइब्रिड कारों पर पंजीकरण शुल्क माफ किए जाने से उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट की चिंता रहती है, जिस कारण उनकी बिक्री में इजाफे की रफ्तार सुस्त है।