बढ़ सकती है भारत की सॉवरेन रेटिंग लेकिन अगले दो साल में करना होगा यह काम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jul, 2024 10:50 AM

india s sovereign rating may increase but this work will have

यदि केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में राजकोषीय घाटे को ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट के 4% के स्तर तक ले आए, भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ सकती है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के एक अधिकारी ने यह बात कही। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के डायरेक्टर (सॉवरेन रेटिंग्स) ग्रीफर्न फुआ...

बिजनेस डेस्कः यदि केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में राजकोषीय घाटे को ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट के 4% के स्तर तक ले आए, भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ सकती है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के एक अधिकारी ने यह बात कही। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के डायरेक्टर (सॉवरेन रेटिंग्स) ग्रीफर्न फुआ ने कहा कि रेटिंग में अपग्रेड के लिए ट्रिगर यह होगा कि केंद्र और राज्यों का डेफिसिट GDP के 7 फीसदी से नीचे आ जाए और इसमें बड़ा योगदान केंद्र सरकार को करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार फिस्कल डेफिसिट को GDP के 49 फीसदी तक ले आए तो हम अगले 24 महीनों में रेटिंग अपग्रेड के बारे में विचार करेंगे।

केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को GDP के 5.1 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है, जो 2023-24 में 56 फीसदी पर था फिस्कल कंसॉलिडेशन रोडमैप के मुताबिक, 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% तक लाया जाना है। देश के शीर्ष 18 राज्यों का राजस्व चालू वित्त वर्ष 2024- 25 में आठ से 10% बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह कहा गया। इन 18 राज्यों का भारत के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 90 फीसदी योगदान है।

कैसे बढ़ेगी जीडीपी

S&P ने मई में भारत के लिए आउटलुक अपग्रेड करके पॉजिटिव कर दिया था। हालांकि सावरेन रेटिंग को 'BBB ही रहने दिया रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले तीन वर्षों में औसतन 8% की ग्रोथ दर्ज की है। अगर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी दिक्कतें खत्म कर ली जाए तो 8 फीसदी की ग्रोथ भी हासिल कर सकता है। S&P का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष के 8.2 फीसदी से कम होगी।

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