नई सरकार FTA को देगी गति! ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी, कियर स्टार्मर के नेतृत्व में बनी नई सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2024 11:11 AM

new government will give impetus to fta labour party returns to power

ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। वहां नई सरकार के सत्ता में आने के साथ ही भारत सरकार ने उम्मीद जताई है कि भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को नई लेबर सरकार के आने से नई गति मिल...

नई दिल्लीः ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। वहां नई सरकार के सत्ता में आने के साथ ही भारत सरकार ने उम्मीद जताई है कि भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को नई लेबर सरकार के आने से नई गति मिल सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘ब्रिटेन में नई पार्टी के सत्ता में आने से भारत-ब्रिटेन संबंधों में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। हमें विश्वास है कि दोनों पक्षों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को पूरा किया जा सकता है। फिलहाल यह समझौता बातचीत के अंतिम चरण में है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेबर पार्टी के नेता और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर को आम चुनावों में शानदार जीत हासिल करने पर बधाई दी। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं सभी क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अ​धिक मजबूत करने तथा पारस्परिक विकास एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हमारे बीच सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा करता हूं।’

लेबर पार्टी ने अपने घोषणापत्र में मुक्त व्यापार समझौता सहित भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की संभावनाएं तलाशने के अलावा सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर करने का वादा किया था। पिछले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत को ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते में प्रगति की उम्मीद है।

गोयल ने कहा था, ‘चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन में नई सरकार आने के बाद बातचीत में प्रगति होगी। कुछ महीने पहले लेबर पार्टी के शैडो (विपक्षी) व्यापार एवं विदेश मंत्री के दिल्ली आने पर उनके साथ चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि एफटीए को जल्द आगे बढ़ाने में उनकी भी बराबर दिलचस्पी है।’

विशेषज्ञों ने कहा कि ब्रिटेन में नई सरकार आने के बावजूद उसकी नीतियां पहले जैसी ही  रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की विदेश नीति में आगे कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रोफेसर विश्वजित धर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्टार्मर के नेतृत्व वाली नई सरकार आने वाले वर्षों में भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों में स्थिरता लाएगी।

धर ने कहा, ‘ब्रिटेन में राजनीतिक ​स्थिरता होने से उसे भारत के साथ तालमेल बेहतर करने की जरूरत है। वास्तव में ब्रिटेन अपने आर्थिक पुनरुद्धार के लिए जोर लगाएगा। जब कोई देश वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अ​धिक निर्भर होता है तो उसे अपनी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटाने के लिए भारत जैसे बड़े बाजारों की जरूरत होती है।’ धर के अनुसार दोनों पक्ष एफटीए वार्ता में तेजी लाएंगे और कुछ मुद्दों पर सहमति न बन पाने के बावजूद इस बार समझौता होने की उम्मीद है। भारत और ब्रिटेन पिछले ढाई साल से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

दोनों पक्ष भारत में नई सरकार बनने के बाद जुलाई में इस समझौते पर मुहर लगाना चाहते थे। मगर ब्रिटेन में समय से पहले चुनाव होने के कारण पूरी प्रक्रिया में देरी हो गई। दिल्ली के थिंकटैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव  ने कहा कि लेबर पार्टी मामूली संशोधन के साथ भारत-ब्रिटेन एफटीए को मंजूरी दे सकती है। अक्टूबर की शुरुआत में एफटीए पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!