NSE ने लेनदेन शुल्क में किया बदलावः नकद इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव के लिए शुल्क में की बढ़ोतरी वापस ली

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Mar, 2023 11:05 AM

nse revises transaction charges withdraws fee hike for cash equity

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने शुक्रवार को नकद इक्विटी व इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए लेनदेन शुल्क में की गई बढ़ोतरी वापस ले ली। नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। गुरुवार को एक्सचेंज की हुई बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया।

नई दिल्लीः नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने शुक्रवार को नकद इक्विटी व इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए लेनदेन शुल्क में की गई बढ़ोतरी वापस ले ली। नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। गुरुवार को एक्सचेंज की हुई बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे पहले एनएसई ने शुल्क में 6 फीसदी का इजाफा किया था, जनवरी 2021 से प्रभावी था। यह कदम एनएसई निवेशक सुरक्षा फंड ट्रस्ट (NSE IPFT) के कोष में बढ़ोतरी के इरादे से उठाया गया था।

इस फंड का इस्तेमाल उस समय किया जाता है जब डिफॉल्टर की परिसंपत्तियां निवेशकों के दावे को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। साथ ही निवेशकों की शिक्षित व जागरूक करने में भी इसका इस्तेमाल होता है। एनएसई बोर्ड ने NSE IPFT में योगदान 0.01 रुपए प्रति करोड़ से 10 रुपए प्रति करोड़ करने का फैसला लिया है और यह नकद इक्विटी व इक्विटी फ्यूचर दोनों पर लागू होगा। इक्विटी ऑप्शंस में इसे 0.01 रुपए प्रति करोड़ से बढ़ाकर 50 रुपए प्रति करोड़ किया गया है।

एक्सचेंज ने कहा, लेनदेन शुल्क में कटौती की भरपाई आंशिक तौर पर NSE IPFT में योगदान में किए गए बदलाव से हो जाएगी और कुल लेनदेन शुल्क पर कटौती का प्रभावी असर करीब 4 फीसदी होगा। 28 फरवरी, 2023 को IPFT कोष 1,587 करोड़ रुपए का था, जो 2020-21 में 1,774 करोड़ रुपए के सर्वोच्च स्तर पर था। इस वित्त वर्ष में अभी तक निवेशक सुरक्षा फंड से 124 करोड़ रुपए के दावे का भुगतान किया गया है।

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