Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jul, 2024 05:37 PM
नमकीन भुजिया और स्नैक्स से जुड़ी देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हल्दीराम (Haldiram) में प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन (Blackstone) बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकती है. इस खरीद के लिए डील होने पर हल्दीराम को 70,000 करोड़ रुपए का वैल्यूएशन मिल सकता है।...
नई दिल्लीः नमकीन भुजिया और स्नैक्स से जुड़ी देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हल्दीराम (Haldiram) में प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन (Blackstone) बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकती है। इस खरीद के लिए डील होने पर हल्दीराम को 70,000 करोड़ रुपए का वैल्यूएशन मिल सकता है। ब्लैकस्टोन और उसके कंसोर्टियम पार्टनर्स अबु धाबी इवेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर जीआईसी लंबे समय से हल्दीराम के प्रमोटर्स अग्रवाल फैमिली के सदस्यों के साथ इस डील को लेकर दिल्ली और नागपुर दोनों ही जगह बात कर रही है। पहले महंगे वैल्यूएशन के चलते बातचीत में पेंच फंस गया था लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में फिर से डील को लेकर बात शुरू हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक ब्लैकस्टोन की कंसोर्टियम हल्दीराम में 76 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में सोर्से के हवाले से बताया गया कि हल्दीराम के वैल्यूएशन को लेकर अग्रवाल फैमिली के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत हुई है। अग्रवाल फैमिली हल्दीराम में 76 फीसदी कंट्रोलिंग स्टेक ब्लैकस्टोन कंसोर्टियम को नहीं बेचना चाहती है क्योंकि परिवार के सदस्य बिजनेस में अपनी ज्यादा हिस्सेदारी को बनाये रखना चाहते हैं। कुछ परिवार के सदस्य केवल 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं लेकिन मौजूदा दौर की जो बातचीत चल रही है उसमें 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर सहमति बन सकती है।
ब्लैकस्टोन के साथ हल्दीराम की डील हो गई तो भारत के इतिहास में सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी डील होगी। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लैकस्टोन के साथ बातचीत टूट भी सकती है क्योंकि हल्दीराम के प्रमोटर्स आईपीओ के जरिए भी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर सकते हैं। दिल्ली और नागपुर स्थित अग्रवाल परिवार अपनी एफएमसीजी बिजनेस को विलय करने के प्रोसेस पर काम कर रहे हैं। हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को हल्दीराम स्नैक फूड प्राइवेट लिमिटेड में विलय किया जा रहा है। नई कंपनी में दिल्ली ब्रांच की 56 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि नागपुर स्थित ब्रांच के पास 44 फईसदी हिस्सेदारी रहेगी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से विलय को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही ये इस प्रोसेस को पूरा कर लिया जाएगा।
पिछले महीने ब्लूमबर्ग के हवाले से ये रिपोर्ट सामने आई थी कि अग्रवाल फैमिली अपने कारोबार का आईपीओ लाने पर भी विचार कर रही है। प्रमोटर्स 12 बिलियन डॉलर वैल्यूएशन चाहते हैं लेकिन प्राइवेट इक्विटी पार्टनर्स 8 से 8.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन देने को तैयार नहीं है।