बिना दवा के रोग और शोक को दें मात

Edited By Updated: 29 Jun, 2024 09:49 AM

dhyan lagane ka labh

ध्यान द्वारा अनेक लाभ होते हैं। ध्यान करने वाला सदा निरोग रहता है, उसे कभी भी कोई रोग नहीं होता। शरीर में भारीपन या आलस्य नहीं रहता, शरीर का वर्ण उज्जवल हो जाता है। ध्यान द्वारा हम सब प्रकार के दुखों से भी मुक्ति पा सकते हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Dhyan ke fayde: ध्यान द्वारा अनेक लाभ होते हैं। ध्यान करने वाला सदा निरोग रहता है, उसे कभी भी कोई रोग नहीं होता। शरीर में भारीपन या आलस्य नहीं रहता, शरीर का वर्ण उज्जवल हो जाता है। ध्यान द्वारा हम सब प्रकार के दुखों से भी मुक्ति पा सकते हैं। साधारणतया जीवन में एक के बाद एक समस्याएं आती रहती हैं। उनसे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। कई लोग दुखों से बचने के लिए शराब, सिगरेट व अन्य खतरनाक किस्म के नशों का प्रयोग करते हैं। इससे उनका दुख कम तो नहीं होता, अपितु और अधिक बढ़ जाता है। उनका शरीर भी नशे की अग्रि में जल कर भस्म हो जाता है। जो दुख आने पर नशा नहीं करते वे चिंताएं इतनी रखते हैं कि चिंता से उनकी चिता बन जाती है। ध्यान द्वारा हम अनेक प्रकार के रोगों से ही नहीं, अनेक प्रकार के दुखों से भी छुटकारा पा सकते हैं।

PunjabKesari Dhyan lagane ka labh

ध्यान द्वारा हम लाभ चाहते हैं तो हमें यह भी जानना आवश्यक है कि हम ध्यान कैसे करें? ध्यान की सही प्रक्रिया क्या है? ध्यान के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाए? ध्यान करने के लिए किस प्रकार बैठा जाए। इस संबंध में योगी बताते हैं कि ध्यान करने बैठें तो सिर, गला और छाती उठाए रख कर सीधी रखें, इधर-उधर न झुकने दें, शरीर सीधा और स्थिर रखें।

यदि हम सिर, गला और छाती सीधे न रखेंगे, तो निद्रा और आलस्य के कारण ध्यान नहीं सध पाएगा। इसके और भी कारण हैं। मेरुदंड सीधा रखना आवश्यक है। यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि शरीर को अकड़ाया न जाए, बल्कि उसे सरल और सहज ढंग से सीधा रखा जाए। जब हम ध्यान में एकाग्रता का प्रयास करते हैं, तो इंद्रियां जैसे बरबस ही विषयों की तरफ भागने लगती हैं। ऐसा करने का उनका पुराना अभ्यास पड़ा हुआ है। अत: इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटाकर परमात्मा अथवा उसके स्वरूप दिव्य ज्योति में ध्यान लगाना चाहिए। जहां ध्यान किया जाए वहां आसन की भूमि समतल होनी चाहिए। वहां कूड़ा-करकट नहीं होना चाहिए। 

PunjabKesari Dhyan lagane ka labh

ध्यान का अभ्यास करने वाले की प्रकृति यदि ठीक है, तो शुरू से उसे कभी कोहरा दिखाई देता है, कभी धुआं दिखाई देता है, कभी सूर्य के समान प्रकाश दिखाई देता है, कभी आग जैसा तेज दिखाई देता है, कभी जुगनू की टिमटिमाहट-सी दिखाई देती है। ऐसे दृश्य यह आभास देते हैं कि ध्यान-साधना प्रगति पथ पर है और ध्यान में उन्नति हो रही है।

ध्यान की प्रक्रिया निरंतर चलती रहने से एक स्थिति यह आती है कि ध्यानी को पृथ्वी, जल, तेज, वायु एवं आकाश पर अधिकार प्राप्त हो जाता है। इन महाभूतों से संबंधित पांचों योगविषयक सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं।

जब शरीर ध्यानस्थ होता है, तो परमात्मा की कृपा बरसती है। सभी प्रकार के दुखों का अंत हो जाता है। रोगनाश के लिए ध्यान एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।

PunjabKesari Dhyan lagane ka labh

ध्यान करने वाला आत्मतत्व के द्वारा ब्रह्मतत्व को भली-भांति प्रत्यक्ष कर लेता है और फिर वह सब प्रकार के बंधनों से सदा के लिए छूट जाता है।

 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!