श्रील भक्तिवेदांत दामोदर महाराज- भक्तों से मिलने आते हैं भगवान जगन्नाथ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jul, 2024 07:14 AM

shri jagannath rath yatra

श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर श्री गुंडीचा मार्जन उत्सव पर श्रील भक्तिवेदांत दामोदर महाराज का शरणागति माधव गौड़ीय मठ के तत्वावधान में राधेपुरी कृष्णा नगर, दिल्ली में जगन्नाथ कथा और हरिनाम संकीर्तन का कार्यक्रम रखा गया।

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Shri Jagannath Rath Yatra 2024: श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर श्री गुंडीचा मार्जन उत्सव पर श्रील भक्तिवेदांत दामोदर महाराज का शरणागति माधव गौड़ीय मठ के तत्वावधान में राधेपुरी कृष्णा नगर, दिल्ली में जगन्नाथ कथा और हरिनाम संकीर्तन का कार्यक्रम रखा गया। बड़ी मात्रा में युवाओं ने इस उत्सव में सम्मिलित होकर कीर्तन और कथा का लाभ उठाया।

श्रील भक्तिवेदांत दामोदर महाराज जी ने बताया गुंडीचा मार्जन का अर्थ है, अपने मन का मार्जन। जैसे हम मंदिर की सफाई करते हैं वैसे ही कीर्तन के माध्यम से अपने मन रूपी मंदिर की सफाई करें, जिससे भगवान वहां निवास कर सकें।

आगे श्रील दामोदर महाराज जी ने बताया कि जगन्नाथ मंदिर में दूसरे धर्म के और विदेश के लोगों का प्रवेश नहीं है लेकिन भक्ति तो सभी में है। भक्त मंदिर में नहीं आ सकते इसलिये भगवान ही सबसे मिलने मंदिर से बाहर रथ पर आ जाते हैं। जिससे सभी भक्त उनका दर्शन कर सकें।

जगत के प्रति अपार करुणा के कारण ही वह जगन्नाथ है। कलियुग में श्रीमन चैतन्य महाप्रभु जी ने रथयात्रा के सन्मुख कीर्तन आरम्भ कराया था और अपने लीला संवरण के समय वह स्वयं श्री जगन्नाथ जी में समा गए।

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