Edited By Tanuja,Updated: 28 May, 2024 11:29 AM
इजरायल और हमास की जंग में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिक झेल रहे हैं। दक्षिणी गाजा के राफा शहर में रविवार को विस्थापित ...
इंटरनेशनल डेस्कः इजरायल और हमास की जंग में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिक झेल रहे हैं। दक्षिणी गाजा के राफा शहर में रविवार को विस्थापित फिलिस्तीनियों के कैंप पर इजरायली हमले में करीब 45 लोगों की मौत हो गई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे एक 'दुखद गलती' माना है। हमास के साथ युद्ध लड़ रहा इजरायल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना कर रहा है। यहां तक कि उसके सबसे करीबियों, जैसे अमेरिका ने भी नागरिकों की मौत पर नाराजगी जताई है। इजरायल का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन कर रहा है जबकि दुनिया की शीर्ष अदालतों में भी उसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैंष पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इजरायल से राफा में अपने हमले रोकने के लिए कहा था।
यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री जोसेफ बोरेल ने राफा पर इजरायल के रात भर के हमले की निंदा की, उन्होंने इजरायल पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “पिछले सप्ताह हेग में अदालत के फैसले को लागू किया जाना चाहिए। इज़राइल ने वह सैन्य अभियान जारी रखा है जिसे रोकने के लिए कहा गया था। यूरोपीय संघ के देश इस फैसले से निपटने के तरीके पर चर्चा करेंगे। हम राफा सीमा पर ईयू टास्क फोर्स भेजने को आगे बढ़ाएंगे।''नेतन्याहू ने सोमवार को इजरायल की संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने की हमारी पूरी कोशिशों के बावजूद, कल रात एक दुखद गलती हुई।' उन्होंने कहा, 'हम घटना की जांच कर रहे हैं और निष्कर्ष निकालेंगे क्योंकि यह हमारी नीति है।'
तेल अल-सुल्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में घटनास्थल पर पहुंचे मोहम्मद अबुस्सा ने कहा कि बचावकर्मियों ने 'उन लोगों को बाहर निकाला जो बेहद बुरी स्थिति में थे।' गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय और फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट रेस्क्यू सर्विस के अनुसार, कम से कम 45 लोग मारे गए। मंत्रालय ने कहा कि मृतकों में कम से कम 12 महिलाएं, आठ बच्चे और तीन वयस्क शामिल हैं, जबकि अन्य तीन शव बुरी तरह जल जाने के चलते पहचाने नहीं जा सके। इजरायल की सेना ने इससे पहले कहा था कि उसने नागरिकों की मौत की जांच शुरू कर दी है।गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार रात का हमला, जो युद्ध के सबसे घातक हमलों में से एक प्रतीत होता है, ने जंग में जान गंवाने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या को 36000 से ऊपर पहुंचा दिया है।