Edited By Tanuja,Updated: 02 Jul, 2024 06:03 PM
नेपाल के सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सहमति...
काठमांडू: नेपाल के सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सहमति बनने के बीच प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के सचिव गणेश शाह ने बताया के पार्टी पदाधिकारियों की मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में प्रचंड ने कहा कि वह पद से इस्तीफा देने के बजाय संसद में विश्वास मत का सामना करना पसंद करेंगे। गणेश शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया है।''
प्रधानमंत्री प्रचंड (69) ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत हासिल किया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नेपाल के दो सबसे बड़े दलों - नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री प्रचंड को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक नयी ‘राष्ट्रीय सर्वसम्मति सरकार' बनाने के वास्ते आधी रात को एक समझौता किया। नेपाल के प्रतिनिधि सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। दोनों दलों की संयुक्त संख्या 167 है जो 275 सदस्यीय सदन में बहुमत के 138 सीट के आंकड़े के लिए पर्याप्त है।
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार मध्यरात्रि को समझौते पर हस्ताक्षर किए। देउबा (78) और ओली (72) संसद के शेष कार्यकाल के लिए बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि मौजूदा गठबंधन को बचाने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल प्रमुख ओली के बीच वार्ता विफल हो गई है।