INTERVIEW: वाई पे ऐप बच्चों के लिए ऑल इन वन सॉल्यूशन की तरह है- डॉ नवनीत गुप्ता

Edited By Varsha Yadav,Updated: 29 Jul, 2023 03:16 PM

dr navneet gupta founder and ceo ypay interview

भारत में डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में वाई पे के फाउंडर डॉ. नवनीत गुप्ता ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स से खास बातचीत की-

नई दिल्ली। भारत में डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। खासकर 2010 के बाद इस क्षेत्र में तेजी से विस्तार देखा गया है। ऐसे में लोग अपनी दिनचर्या का अहम हिस्सा इस प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं। इस दौरान बाजार में कई तरह के पेमेंट ऐप्स भी आ गए हैं। वहीं भारत का डिजिटल पेमेंट का ग्राफ साल 2023 आने के साथ तूफानी तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के इस बाजार में Y pay (वाई पे) भी अहम स्थान रखता है। यह ऐप खासकर बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। ऐसे में वाई पे के फाउंडर डॉ. नवनीत गुप्ता ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स से खास बातचीत की- 

 

सवाल- वाई-पे ऐप कैसे काम करता है और आपने इसकी नींव कैसे रखी?
जवाब-
मैंने मेडिकल की पढ़ाई की है और मैं एक डेन्टिस्ट हूं। साल 2013 में मैंने कॉलेज खत्म किया। इसके बाद मुझे मेरी सोसाइटी में दिखा कि लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासकर बच्चों में यह दिक्कतें अधिक देखने को मिलती हैं। इसके बाद साल 2017 में मैंने इस कंपनी की शुरूआत की, हालांकि तब यह ई कॉमर्स कंपनी थी। तब हमारे इकोसिस्टम में लोकल वेंडर्स, स्कूल और किड्स होते थे। उस समय हमारा प्रोजेक्ट काफी अलग था। ऐसे में हमने पैरेंट्स से बात की, तो उन्होंने कहा कि अभी जो आप हमें सुझाव दे रहे हैं यह तो परेशानी है ही लेकिन हमारी मुख्य चिंता इस बात की है कि हम जो अपने बच्चों को रुपये देते हैं, वो वह कहां खर्च कर रहे हैं। वहीं आज के जो पैरेंट्स हैं उन्हें डिजिटल टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा नहीं पता है। ऐसे में हमारा ऐप काफी हेल्पफुल है। हमारे कार्ड पर पूरा कंट्रोल पैरेंट्स का होगा। अगर आप इस पर लिमिट सेट कर देंगे, तो यह उतना ही खर्ज करेगा, जितना अमाउंट आपने इस पर फिक्स किया है। 

 

सवाल- इस ऐप से एक दिन में कितनी बार भुगतान कर सकते हैं? 
जवाब-
बच्चों के माता-पिता इस पर कंट्रोल कर सकते हैं कि उनका बच्चा एक दिन में कितने रुपये खर्च करे। सबसे बड़ी बात वाईपे ऐप आपके अकाउंट से लिंक नहीं होगा। इसमें जितने पैसे आप डालेंगे, केवल उतना ही खर्च कर सकते हैं। जैसे अगर आप मेट्रो सिटीज की बात करें तो जैसे मेट्रो कार्ड होता है, उसमें हम जितने पैसे डालते हैं वो आपके ट्रेवल के हिसाब से कटते रहते हैं ठीक यही सिस्टम इसमें भी है। यह एक प्रीपेड कार्ड है जिसमें हर तरह की लिमिट सेट है। आपका बच्चा जितना चाहता है, जैसे चाहता है, वैसे रुपये खर्च कर सकता है। 

 

सवाल- इस ऐप को डाउनलोड करने और रजिस्ट्रेशन करने की क्या प्रक्रिया है? 
जवाब-
इस ऐप को आप गूगल ऐप या फिर प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आपसे रजिस्ट्रेशन मांगा जाएगा। यहां सारी डिटेल्स डालने के बाद आपको बैंक का एक केवाईसी करना होगा। यहां आपको अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद एक ओटीपी आएगा। बता दें कि इसमें दो तरह का केवाईसी होता है, एक आधार कार्ड बेस्ड होता है इसमें आप अकाउंट की लिमिट सेट कर सकते हैं। इस तरह के केवाईसी में आप दस हजार रुपये हर महीने और साल का एक लाख बीस हजार रुपये एड और खर्च कर सकते हैं। वहीं जब मैं आपका फुल बायोमेट्रिक केवाईसी करता हूं, तो वो लिमिट पांच लाख रुपये महीना और साल के 15 लाख रुपये हो जाती है। 

 

सवाल- बाजार में पहले से मौजूद ऐप्स से 'वाई पे' ऐप में क्या अलग फीचर्स हैं और लोगों को इसका प्रयोग क्यों करना चाहिए ? 
जवाब-
वाई पे ऐप की खासियत है कि यह ऐप खासकर पैरेंट्स ,बच्चों और लोकल मार्केट को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। अगर हम फोन पे, पेटीएम और कोई और पेमेंट ऐप इस्तेमाल करते हैं तो यह स्कूल में उपयोग नहीं होते हैं क्योंकि स्कूल में फोन अलाउड नहीं होते हैं। तो जहां वो नहीं है वहां हम हैं। हमारे इस ऐप के साथ बच्चा पहले 11 साल से 18 साल तक रहेगा, फिर जब वह 18 से ऊपर हो जाएगा, तो उसकी एक नई जर्नी हमारे साथ शुरू हो जाएगी। बच्चों से जुड़ी कई चीजें माता-पिता बाजार से खरीदते हैं, जिसमें उनकी स्कूल यूनिफॉर्म से लेकर बुक्स तक हर चीज यहां मौजूद है। इसके अलावा बच्चों के और जो खर्चे होते हैं इसके लिए यह कार्ड ऑल इन वन सॉल्यूशन की तरह है। ऐसे में जब बच्चा 18 साल से ऊपर होता है तो हर कोई सुविधाएं दे रहा है लेकिन हमारे ऐप के साथ वह 18 साल से पहले की जर्नी शेयर कर रहा है।

 

सवाल- इस ऐप के नाम में 'वाई' किस तरह से कनेक्ट किया गया है और इसमें आगे क्या कुछ नया देखने को मिलेगा?
जवाब-
अभी तक हमने सिर्फ खर्चे की बात की है लेकिन आगे जाकर आप हमारे ऐप में इनवेस्ट भी कर सकते हैं। इससे आपके बच्चे न सिर्फ रुपयों को खर्च करना सीखेंगे बल्कि सेविंग गोल्स पर भी उनका ध्यान जाएगा। जैसे अभी 'बाय नाउ पे लेटर' का सुविधा मौजूद है जिसमें हम तीन महीने में रुपये का भुगतान कर सकते हैं। ऐसे ही हम लेकर आ रहे हैं 'सेव नाउ बाय लेटर'। वहीं ऐप का नाम 'वाई पे' इसीलिए है क्योंकि इसमें वाई फोर यूथ है जिसमें हमारा ज्यादातर फोकस युवा और बच्चों पर है।

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