कुवैत अग्निकांड: केरल के 24 लोगों ने गवाई जान, पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए देगी सरकार

Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Jun, 2024 02:15 PM

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कुवैत अग्निकांड में मरने वाले केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है, जबकि दक्षिणी राज्य के सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का खाड़ी देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

नेशनल डेस्क: कुवैत अग्निकांड में मरने वाले केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है, जबकि दक्षिणी राज्य के सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का खाड़ी देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। केरल के अनिवासी लोगों से संबंधित ‘नोरका रूट्स' के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। 

मृतकों में 40 भारतीय हैं
केरल सरकार ने कुवैत अग्निकांड में मारे गए केरलवासियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का बृहस्पतिवार को निर्णय किया। दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में बुधवार को एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। खबरों के अनुसार, मृतकों में 40 भारतीय हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज सुबह मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक में यह फैसला लिया है।

केरल सरकार का बयान 
बयान में कहा गया कि सरकार को मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में केरल के 19 लोगों की मौत हुई है। इसमें बताया गया कि मंत्रिमंडल ने इस हादसे में घायल हुए लोगों को भी एक-एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में यह भी बताया गया कि इस हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज और मृतकों के शव वापस भारत लाने के प्रयासों में समन्वय के लिए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को तत्काल कुवैत भेजने का निर्णय लिया गया।

पांच लाख रुपए आर्थिक सहायता 
बयान के मुताबिक, प्रसिद्ध भारतीय व्यापारी एम ए यूसुफ अली और रवि पिल्लई ने मुख्यमंत्री को यह बताया कि वे इस हादसे में मारे गए प्रत्येक केरलवासी के परिवार को क्रमशः पांच लाख रुपए और दो लाख रुपए की सहायता देंगे। बयान में बताया गया कि 'एनओआरकेए' के माध्यम से उन्हें यह आर्थिक मदद दी जाएगी और घटना में मारे गए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को, दोनों व्यापारियों की मदद से 12 लाख रुपए मिलेंगे। 

कब हुआ नोरका का गठन?
केरल के अनिवासी लोगों (नोरका) से जुड़े विभाग का गठन वर्ष 1996 में राज्य सरकार द्वारा किया गया था। इस विभाग का गठन भारत और विदेशों में बसे केरल के अनिवासी लोगों की शिकायतों का समाधान करने और उनके साथ एक स्थायी साझेदारी स्थापित करना के उद्देश्य से किया गया। नोरका विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अजीत कोलासेरी ने कहा कि कुवैत में उसकी हेल्प डेस्क द्वारा अनौपचारिक रूप से दी गई जानकारी के अनुसार, हताहत हुए लोगों में केरल के रहने वालों की संख्या बढ़ रही है। सुबह यह संख्या 12 थी, इसके बाद यह 19 हुई और अब 24 हो गई है। इससे पहले केरल सरकार ने कहा था कि उसे मिली जानकारी के अनुसार इस अग्निकांड में केरल के 19 लोगों की मौत हुई है।
 

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