Edited By vasudha,Updated: 17 Jan, 2019 10:55 AM
सर्दी के सितम से दिल्ली में 96 बेघरों ने जान गवां दी है। सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवेलपमेंट (सीएचडी) की रिपोर्ट में 1 जनवरी से 14 जनवरी डाटा तैयार किया गया है। इस संबंध में संस्था के प्रमुख सुनील अलेडिय़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पत्र लिखा...
नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): सर्दी के सितम से दिल्ली में 96 बेघरों ने जान गवां दी है। सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवेलपमेंट (सीएचडी) की रिपोर्ट में 1 जनवरी से 14 जनवरी डाटा तैयार किया गया है। इस संबंध में संस्था के प्रमुख सुनील अलेडिय़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पत्र लिखा है। अलेडिय़ा ने बताया कि सबसे ज्यादा मौत उत्तरी दिल्ली क्षेत्र में हुई है। कश्मीरी गेट कोतवाली, सिविल लाइन, सराय रोहिला इलाकों में जहां सबसे ज्यादा रैन बसेरों के दावे सरकार करती है। इन इलाकों में 14 दिन में 23 मौतें हुई हैं। दिसम्बर 2018 से जनवरी 2019 तक कुल 331 लोगों की ठंड से मौत हो चुकी है। इसनें 235 लोगों ने पिछले दिसम्बर महीने में अपनी जान गंवाई। दिल्ली में करीब 7032 बेघर मतदाता पंजीकृत हैं, जो वोट करते हैं।
सरकार को सुझाव
- बेघरों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का होना, समय-समय पर जांच।
- जहां-जहां बेघर लोग खुले में सो रहे हैं, उसी के नजदीक सबवे, फ्लाईओवर के नीचे उन्हें रहने के लिए सर्दी में सुविधा का हो इंतजाम।
- दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड एक इंजीनियर बोर्ड है, भवन निर्माण और स्लम सुधार का कार्य है अन्य विभागों का भी इनमें समन्वय होना चाहिए, जैसे कि महिला बाल कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग आदि बेघर कार्य नीति के लिए डूसिब से अलग कर एक विभाग का निर्माण अतिआवश्यक है।
- 2010 एवं 2014 में हुए बेघरों को लेकर सर्वे को पुन एक सर्वेक्षण होना जरूरी है।
- समय-समय पर आश्रय गृह का निरीक्षण।
- दिल्ली उच्च न्यायलय के आदेशों का पालन, जॉइंट अपैक्स एडवाइजरी कमेटी जो कि हर 15 दिन में होनी चाहिए।
- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन- शहरी बेघरों के लिए आश्रय गृह योजना को लागू किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
- बेघरों को लेकर ‘बेघर नीति’ बने।