न सस्ता हुआ न महंगा, नहीं बढ़ेगी लोन की EMI: RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Jun, 2023 10:49 AM

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रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रेपो रेट में बदलाव न कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। दरअसल, शक्तिकांत दास ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रेपो रेट में बदलाव न कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आज नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया, जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में बढोतरी नहीं होगी। समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है। चालू वित्त वर्ष में समिति की पहली तीन दिवसीय बैठक के बाद आज जारी बयान में यह घोषणा की गयी है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा करते हुये कहा कि पिछले वर्ष मई से अब तक रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की बढोतरी की जा चुकी है। फिलहाल इसमें कोई बढोतरी नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने के बीच समिति ने समयोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है। समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडडर् जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है।

दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर के 7.2 प्रतिशत पर रहना भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र की वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच सशक्त और मजबूत होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पूरा ध्यान महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाने का है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रह सकती है। पहली तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।   

 भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की मुख्य बातें इस प्रकार है: 
... रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर यथावत
... स्टैंडडर् जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत पर स्थिर 
... मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत पर यथावत 
... बैंक दर 6.75 प्रतिशत स्थिर
... फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत बरकरार 
... नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत पर
... वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत 
... चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया 
... पहली तिमाही में जीडीपी 8 प्रतिशत रह सकता है 
... दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती 
... मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.2 प्रतिशत रही 
... चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
... पहली तिमाही में खुदरा महंगाई 4.6 प्रतिशत पर 
... दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत पर 
... तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत पर 
... चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत रह सकती
... मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 8 से 10 अगस्त 2023 को शेखर

क्या है  रेपो रेट
 रेपो रेट का मतलब कि रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर यानि बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है। रेपो रेट कम होने का अर्थ है की बैंक लोगों को कम ब्याज दर पर लोन देगा और अगर यह रेट बढ़ती है तो बैंक में  लोन अपने आप महंगा हो जाता है और इसका इसर लोगों की EMI पर पड़ता है।  

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