कूनो नेशनल पार्क से फिर आई बुरी खबर, एक दिन में चीता ज्वाला के दो शावकों ने तोड़ा दम

Edited By Updated: 25 May, 2023 05:05 PM

death of second cub of cheetah jwala

कूनो नेशनल पार्क (KNP) से बुरी खबर सामने आई है। केएनपी में एक और शावक की मौत हो गई है। तीन दिन में यह दूसरे शावक की मौत है

नेशनल डेस्कः कूनो नेशनल पार्क (KNP) से बुरी खबर सामने आई है। केएनपी में एक दिन में दो शावकों की मौत हो गई है। तीन दिन में तीन शावकों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 23 मार्च यानी मंगलवार को चीता ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। केएनपी में पिछले दो महीनों में मरने वाले चीतों की संख्या बढ़कर चार हो गई है जिसमें अफ्रीकी देशों से यहां लाए गए तीन चीते भी शामिल हैं। वन विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि चीता शावक की मौत कमजोरी के कारण हुई है।

कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'ज्वाला' के शावक की मौत पर वन विभाग के मुख्य संरक्षक जेएस चौहान कि आज जब निगरानी टीम ने पार्क का दौरा किया तो शावक कमजोर दिख रहा था, इसलिए टीम ने पशु चिकित्सकों को बुलाया और शावक को अस्पताल ले गई लेकिन 5-10 मिनट बाद शावक की मौत हो गई।

जेएस चौहान ने बताया कि मृत्यु का कारण अत्यधिक कमजोरी है। पोस्टमॉर्टम के बाद कारणों की विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी। कूनो नेशनल पार्क में चिलचिलाती गर्मी के बीच कमजोर स्थिति में निगरानी के दौरान चीता ज्वाला के दो शावकों की मौत हो गई। चीता ज्वाला के तीन शावक थे। उसके पहले शावक की 23 मई को मौत हो गई थी।

चीता ज्वाला को सितंबर 2022 में नामीबिया से श्योपुर जिले के केएनपी में लाया गया था। उसे पहले सियाया नाम से जाना जाता था और उसने इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया था। विलुप्त घोषित किए जाने के 70 साल बाद भारत में चीतों को फिर से बसाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता' लागू किया गया है। इसके तहत दक्षिण अफ्रीका के देशों से चीतों को दो जत्थों में यहां लाया गया है। नामीबियाई चीतों में से एक साशा ने 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण दम तोड़ दिया जबकि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक अन्य चीते उदय की 23 अप्रैल को मौत हो गई।

वहीं, दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की एक नर चीता से मिलन के प्रयास के दौरान हिंसक व्यवहार के कारण वह घायल हो गई थी जिसकी बाद में मौत हो गई थी। सियाया के चार शावक 70 साल बाद भारत की धरती पर केएनपी में पैदा हुए।

पांच मादा और तीन नर सहित आठ नामीबियाई चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था। इसके बाद, इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी लाए गए। भारत में पैदा हुए चार शावकों सहित 24 चीतों में से केएनपी में अब 17 वयस्क और 1 शावक है। इनमें से कुछ को अभी जंगल में छोड़ा जाना बाकी है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!