Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Jul, 2024 01:12 PM
महाराष्ट्र सरकार ने कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी डॉ पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया है। अब वह वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी डॉ पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया है। अब वह वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी। यह कार्रवाई पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे द्धारा मुख्य सचिव को लिखे पत्र के बाद की गई है।
आदेश में कहा गया है कि 2023 बैच की आईएएस अधिकारी अपनी परिवीक्षा के बचे हुए समय में वाशिम जिले में सुपर न्यूमरेरी सहायक कलेक्टर के रुप में काम करेंगी। खेडकर ने कलेक्टर कार्यालय से विशेष सुविधाएं मांगने पर विवाद खड़ा कर दिया था क्योंकि एक प्रोबेशन अधिकारी के लिए इसकी अनुमति नहीं दी जाती है।
निजी ऑडी कार नीली बत्ती का इस्तेमाल किया
उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का भी इस्तेमाल किया, जिससे प्रशासन में हलचल मच गई। उन्होंने अपनी निजी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगवा रखा था। खेडकर ने अनुचित मांगें भी कीं, जिनमें वीआईपी नंबर प्लेट वाली एक सरकारी कार, आवास, पर्याप्त स्टाफ के साथ एक सरकारी कक्ष और एक कांस्टेबल शामिल था।
कलेक्टर के पूर्व-कक्ष पर कब्जा किया
नियमों के अनुसार, प्रशिक्षु को उपरोक्त सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं और पहले उसे राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना आवश्यक है। हालांकि, खेड़कर यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के अनुपस्थित रहने पर उनके पूर्व-कक्ष पर कब्जा कर लिया और अपने नाम का बोर्ड लगा दिया।
यूपीएससी में हासिल की 841वीं रैंक
यूपीएससी में अखिल भारतीय स्तर पर 841वीं रैंक हासिल करने वाली खेडकर ने अतिरिक्त कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां, सोफा, टेबल समेत सभी सामग्री हटा दी। इसके बाद उन्होंने राजस्व सहायक को उनके नाम से लेटरहेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, नेमप्लेट, रॉयल सील, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
बताते चलें कि,खेडकर के पिता जो एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने भी कथित तौर पर अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डाला और अधिकारियों को इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।