भारत की सॉफ्ट पावर: अन्य देशों की तरह भारत को कैसे करना चाहिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग

Edited By Mahima,Updated: 31 Jul, 2024 02:35 PM

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आज के दौर में, सॉफ्ट पावर यानी एक देश की सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक ताकत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। भारत, जैसे कई अन्य देश, अगर अपने सॉफ्ट पावर को भी उतना ही महत्व दे, जितना राजनीतिक और आर्थिक ताकत को देते हैं, तो...

नेशनल डेस्क (महिमा गौतम) : आज के दौर में, सॉफ्ट पावर यानी एक देश की सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक ताकत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। भारत, जैसे कई अन्य देश, अगर अपने सॉफ्ट पावर को भी उतना ही महत्व दे, जितना राजनीतिक और आर्थिक ताकत को देते हैं, तो वह दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में अपनी जगह बना सकता है।  दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो तेजी से विकसित हुए हैं और सॉफ्ट पावर के जरिए अपनी छवि को वैश्विक स्तर पर मजबूत कर चुके हैं।

इतना ही नहीं आपको ये जानकर भी हैरानी होगी की ये अमेरिका या कनाडा नहीं बल्कि एशिया कॉन्टिनेंट के देश हैं। जी हां आपने सही सुना है। आज हम उन 4 देशों के बारे में बात करेंगे जो दुनिया को साबित कर चुकें हैं कि वे ना सिर्फ एक बेहतर स्थिति में बल्कि एक अलग लाईन में काफी मजबूती से खड़े हैं। इसी बीच, यह सोचने की बात है कि भारत को अपनी सॉफ्ट पावर को बढ़ाने की दिशा में और भी कदम उठाने चाहिए। सॉफ्ट पावर, यानी सांस्कृतिक प्रभाव और अन्य सौम्य तरीके, जो देश की पहचान और प्रभाव को बढ़ाते हैं, आज के वैश्विक परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं।

सॉफ्ट पावर क्या है?
सॉफ्ट पावर का मतलब है, अपने देश की संस्कृति, क्लचर,  संगीत, कला, फैशन और शिक्षा के जरिए वैश्विक प्रभाव बनाना। इसके तहत, किसी देश को अपनी संस्कृति और तरीके से दुनिया को प्रभावित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि उसकी छवि और पहचान को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया जा सके। युद्ध और सैन्य शक्ति दिखाने की बजाय, एक देश अपने सांस्कृतिक और कलात्मक प्रभाव के जरिए अधिक सम्मान और प्रभाव प्राप्त कर सकता है। आज के लोग दुनिया भर में यात्रा करके, विभिन्न प्रकार के व्यंजन खाकर वहां के जीवन का आनंद लेना चाहते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में रहना, वहां के रीति-रिवाजों, जातीयताओं के बारे में सीखना चाहते हैं। ऐसे में हर देश को दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए सशस्त्र बल और परमाणु दिखाने के बजाय, अपने देश की संस्कृति, संगीत, कला, फैशन और सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा द्वारा लोगों को प्रभावित करना चाहिए।

दुनिया के 4 एशियाई टाइगर देश  कैसे करते है अपनी सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल ?
1. साउथ कोरिया:
साउथ कोरिया ने अपनी सॉफ्ट पावर का प्रभावी उपयोग करके वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इस देश ने अपनी सांस्कृतिक और कला के क्षेत्र में जबरदस्त काम किया है। इसके अलावा कोरियान फैशन ने भी पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। संस्कृति के तोर पर अपने त्योहारों को दुनिया से पहचान करवाई। आज हम उनके हर त्योहार के बारे में थोड़ा ही सही पर जानते जरुर है। संगीत की बात करें तो k-pop आज सारे विश्व में सबसे ज्यादा सुने जाने वाले मुसिक में से एक है। BTS और BLACKPINK जैसे K-Pop ग्रुप्स ने भी दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है और वैश्विक मंचों पर अपनी छाप छोड़ी है। BTS वो ग्रुप है जो वाइट हाउस में अमेरिका के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और सारे संसार में ऐसा करने वाले पहले आर्टिस्ट भी बने। 7 लोंगो के इस ग्रुप ने हमें कुछ बहुत ही बेहतरिन सॉन्ग दिए हैं।

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इतना ही UN में अपने सांन्ग “ PERMISSION TO DANCE” पर परफॉर्म करने वाले भी ये पहले। ये सांन्ग कोरोना के बुरे समय से लड़ने के बाद दुनिया को मास्क उतारने के लिए और अपनी जिंदगी को खुलकर जिने के लिए बनाया गया था। नेटफ्लिक्स शो "SQUID GAME" ने वैश्विक स्तर पर धूम मचाई है। "SQUID GAME" दुनिया का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला शो बना, और साउथ कोरिया की फिल्मों ने भी ऑस्कर जैसे बड़े पुरस्कार जीते हैं। इसके अलावा, K-Dramas जैसे "Boys Over Flower" और "My Love From Another Star" जैसे अन्य ने भी वैश्विक लोकप्रियता हासिल की है। बात करें कला, फैशन और शिक्षा कि तो इन क्षेत्रों में भी साउथ कोरिया का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इन सबकी मदद से आज साउथ कोरिया उस मुकाम पर है जहां पहुंने के लिए काफी साल लग जाते हैं।

2.सिंगापुर:
सिंगापुर एक ऐसा देश है जो वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान और प्रभाव के लिए जाना जाता है। यह छोटा सा एशियाई देश अपनी प्राकृतिक सुंदरता, उच्च जीवनस्तर, और उत्कृष्ट जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इसके अलावा, सिंगापुर ने सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में भी अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। सिंगापुर की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक आर्किटेक्चर इसे वैश्विक पर्यटन के प्रमुख केंद्रों में से एक बनाते हैं। इसके अलावा सिंगापुर को उसके उच्च जीवनस्तर के लिए जाना जाता है। यहाँ की जीवनशैली, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, और सार्वजनिक सेवाएँ विश्वस्तरीय हैं। सिंगापुर को व्यापार और डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में भी उच्च मान्यता प्राप्त है। यह देश एशिया का एक प्रमुख वित्तीय और व्यापारिक केंद्र है। सिंगापुर का उन्नत व्यापार मॉडल, निवेश अनुकूल नीतियाँ, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इसे वैश्विक व्यापारिक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनाते हैं। सिंगापुर की डिजिटलाइजेशन रैंकिंग में 8वीं स्थिति पर होना यह दर्शाता है कि यहाँ की तकनीकी और डिजिटल नवाचार में अग्रणी भूमिका है।

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इतना ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में सिंगापुर ने अपनी गुणवत्ता और प्रभावशाली परिणामों के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है। सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली वैश्विक स्तर पर 22वें स्थान पर आती है। सिंगापुर ने अपनी सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में सफलता प्राप्त की है। यहाँ के त्योहार, जैसे कि दीपावली, चाइनीज न्यू ईयर, और गैलरियन डे, न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच भी प्रसिद्ध हैं। सिंगापुर की कला, संगीत, और संस्कृति ने विश्व स्तर पर एक विशिष्ट पहचान बनाई है। सिंगापुर की सॉफ्ट पावर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी प्रभावशाली विदेश नीति है। यह देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांतिपूर्ण और प्रगतिशील विचारों को प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। सिंगापुर ने वैश्विक मुद्दों पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समिट्स में सक्रिय भूमिका निभाई है। सिंगापुर की सॉफ्ट पावर एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक छोटा सा देश अपनी सांस्कृतिक, तकनीकी और आर्थिक शक्ति का उपयोग करके वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।

3. ताइवान:
ताइवान, एक छोटा सा द्वीपीय देश, अपनी सॉफ्ट पावर के माध्यम से वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। ताइवान ने प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व स्थापित किया है। यह विशेष रूप से सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रमुख भूमिका निभाता है। ताइवान के चिप निर्माताओं, जैसे TSMC (ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी), ने दुनिया भर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण चिप्स का उत्पादन किया है। ताइवान की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। देश के पारंपरिक त्योहार, कला, और सांस्कृतिक धरोहर ने दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित किया है। ताइवान के राष्ट्रीय त्योहार, जैसे चंद्र नववर्ष और मिड-अटम फेस्टिवल, उसकी सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हैं। ताइवान उच्च शिक्षा और अनुसंधान में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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ताइवान के विश्वविद्यालय, जैसे नैशनल ताइवान यूनिवर्सिटी और नैशनल चेंग-ची यूनिवर्सिटी, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं। इसके साथ ही ताइवान ने वैश्विक स्वास्थ्य संकटों और मानवतावादी आपात स्थितियों में भी अपनी भूमिका निभाई है। COVID-19 महामारी के दौरान, ताइवान ने अन्य देशों को चिकित्सा आपूर्ति और तकनीकी सहायता प्रदान की। ताइवान की लोकतांत्रिक प्रणाली और मानवाधिकार के प्रति प्रतिबद्धता भी उसकी सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देती है। देखा जाए तो ताइवान की सॉफ्ट पावर उसकी तकनीकी उन्नति, सांस्कृतिक धरोहर, शिक्षा, स्वास्थ्य सहायता, और लोकतांत्रिक मूल्यों से निर्मित होती है। इसने न केवल अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को सशक्त किया है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसके चलते इस देश की सॉफ्ट पावर उसके वैश्विक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को गहरा करने में मदद करती है, जिससे यह छोटे आकार के बावजूद वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनकर उभरा है।

4. हांगकांग:
हांगकांग की बात करें तो ये देश अपनी मोडरन क्लचर और अपने लाइफ स्टाइल के लिए जाना जाता है। हांगकांग एक सांस्कृतिक मिश्रण है, जिसमें चीनी, पश्चिमी और स्थानीय तत्वों का संगम देखने को मिलता है। यहाँ की कला, संगीत, फिल्म इंडस्ट्री , और सांस्कृतिक आयोजन विश्वस्तर पर प्रशंसा प्राप्त करते हैं। हांगकांग का खाना, विशेष रूप से डिमसम, ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। यहाँ की फूड स्ट्रीट्स और फाइव-स्टार रेस्तरां दुनियाभर के भोजन प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।

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बात करें वित्तीय शक्ति कि तो ये देश एक प्रमुख वित्तीय केंद्र है और यहाँ का वित्तीय बाजार दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक माना जाता है। इसकी मजबूत बैंकिंग प्रणाली, निवेश के अवसर, और व्यापारिक माहौल वैश्विक व्यापारिक समुदाय को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा हांगकांग एक प्रमुख व्यापारिक और पर्यटन स्थल है। यहाँ की इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक सुविधाएँ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अनुकूल हैं, और यहाँ की पर्यटन स्थल और गतिविधियाँ दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। नवाचार और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाले इस देश ने इस क्षेत्र उच्च तकनीक उद्योगों को बढ़ावा देने और नए उद्यमों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत का सॉफ्ट पावर का उपयोग
भारत ने भी अब अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करना शुरू किया है, लेकिन और भी मजबूत बनाने की जरूरत है। भारत की सांस्कृतिक विविधता, कला, संगीत और सिनेमा को वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। भारतीय सिनेमा और संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक पहचान मिलनी चाहिए। इसको बेहतर तरीके से समझने के लिए, हम कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देंगे जहाँ भारत अपनी सॉफ्ट पावर का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है।

1. सिनेमा और मीडिया: भारतीय फिल्में, जैसे बॉलीवुड की फिल्में, विश्वभर में देखी जाती हैं और भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हालांकि, इन फिल्मों को वैश्विक स्तर पर और भी बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इससे भारत की सांस्कृतिक छवि को सही तरीके से पेश किया जा सकेगा और अधिक लोग भारतीय सिनेमा से प्रभावित होंगे। भारतिए मीडिया की बात करें तो इससे भारत की खबरें, कहानियाँ और सांस्कृतिक गतिविधियाँ वैश्विक दर्शकों तक आसानी से पहुँच सकेंगी। भारतीय सिनेमा और मीडिया को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक स्वतंत्रता और अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे भारत की असली छवि को बेहतर ढंग से पेश कर सकें।

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2. संगीत और कला:  भारत का संगीत, जिसमें शास्त्रीय, फॉल्क और बॉलीवुड संगीत शामिल है, दुनिया भर में बहुत प्रिय है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रमोट किया जाना चाहिए। भारत के संगीतकारों और गायकों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक अवसर मिलने चाहिए, ताकि उनकी कला का प्रभाव बढ़ सके। भारतीय कला, जैसे पेंटिंग, मूर्तिकला और हस्तशिल्प, भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकती है। भारत के कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए।

3. शिक्षा और पर्यटन: भारत के उच्च गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान, जैसे आईआईटी और आईआईएम, को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए और भी आकर्षक बनाना चाहिए। इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता का वैश्विक स्तर पर सम्मान बढ़ेगा और देश की छवि में सुधार होगा। इसके साथ ही भारत का पर्यटन क्षेत्र भी विश्वस्तर पर अपनी पहचान बना सकता है। ऐतिहासिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य, और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक दर्शकों के सामने सही तरीके से पेश किया जाना चाहिए। इससे भारत को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

भारत को अपनी सॉफ्ट पावर को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। साउथ कोरिया, सिंगापुर, ताइवान और हांगकांग जैसे देशों ने अपनी सांस्कृतिक, तकनीकी और आर्थिक शक्ति के जरिए वैश्विक मंच पर एक मजबूत छवि बनाई है। भारत को भी इसी दिशा में काम करते हुए अपनी सांस्कृतिक, कलात्मक और शैक्षिक ताकत को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करना चाहिए, ताकि वह भी दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में अपनी जगह बना सके।
 

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