Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Jul, 2024 04:18 PM
महाराष्ट्र में अमरावती मंडल के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों में इस साल जनवरी से जून के बीच 557 किसानों ने आत्महत्या की है। एक सरकारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। अमरावती मंडल के अंतर्गत अमरावती, अकोला, बुलढ़ाना, वाशिम और यवतमाल जिले आते हैं।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में अमरावती मंडल के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों में इस साल जनवरी से जून के बीच 557 किसानों ने आत्महत्या की है। एक सरकारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। अमरावती मंडल के अंतर्गत अमरावती, अकोला, बुलढ़ाना, वाशिम और यवतमाल जिले आते हैं। अमरावती के मंडल आयुक्तालय द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2024 के बीच मंडल में कुल 557 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें से भी सबसे अधिक 170 किसानों ने अकेले अमरावती जिले में अपनी जान दे दी जबकि यवतमाल में 150, बुलढ़ाना में 111, अकोला में 92 और वाशिम में 34 किसानों ने आत्महत्या की।
रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने 53 मामलों में पीड़ित परिवारों को सहायता प्रदान कर दी है जबकि 284 मामलों में जांच लंबित हैं। रिपोर्ट में उल्लेखित आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता एवं अमरावती लोकसभा सीट से सांसद बलवंत वानखेडे ने कहा कि महाराष्ट्र उन राज्यों में है जहां किसानों की आत्महत्या के मामले सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं और इनमें भी शीर्ष पर अमरावती है।
उन्होंने कहा, ‘‘फसलों को नुकसान, पर्याप्त वर्षा की कमी, मौजूदा कर्ज का बोझ और समय पर कृषि ऋण का न मिलना कुछ प्रमुख कारण है जो किसानों को इतने कठोर कदम उठाने को मजबूर करते हैं...सरकार को किसानों की आय दोगुना करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए और उन्हें सहायता मुहैया करानी चाहिए।'' राज्य सरकार के ‘वसंतराव नाइक शेतकारी स्वालंबी मिशन' के अध्यक्ष नीलेश हेलोंडे पाटिल ने कहा कि किसानों द्वारा आत्महत्या बहुत ही गंभीर मुद्दा है और ऐसी मौतों को रोकने के रास्ते तलाशने की कोशिश की जा रही है।