पुरानी दोस्ती और डील पर डील... रूस यात्रा से पहले PM नरेंद्र मोदी मॉस्को पहुंचे, भारत के लिए रूस इतना क्यों खास?

Edited By Mahima,Updated: 09 Jul, 2024 09:08 AM

pm narendra modi reached moscow before his visit to russia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी 3.0 के पहले बजट से पहले रूस की अपनी महत्वपूर्ण दो दिवसीय यात्रा के लिए मॉस्को पहुंच चुके हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 22वें रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी 3.0 के पहले बजट से पहले रूस की अपनी महत्वपूर्ण दो दिवसीय यात्रा के लिए मॉस्को पहुंच चुके हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 22वें रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक वार्ता की भी उम्मीद है, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और समझौते हो सकते हैं। बता दें कि रूस ने अक्‍सर संकट के समय भारत की मदद की है। इसमें कोई शक नहीं है कि स्‍वतंत्रता के बाद भारत में भुखमरी के हालात थे और तब भारत को गेहूं की जरूरत थी। ऐसे हालातो में किसी देश ने भारत की मदद नहीं की थी। लेकिन सोवियत संघ ने औपचारिक समझौता के द्वारा भारत को एक लाख टन गेहूं भेजने का वादा किया। इस डील ने दोनों देशों के संबंधों की मजबूत नींव की शुरूआत की थी।

भारत-रूस संबंध: एक ऐतिहासिक यात्रा
भारत और रूस के बीच दशकों पुराने संबंध रहे हैं, जो स्वतंत्रता के बाद से ही मजबूत होते गए हैं। खासकर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रूस ने भारत का पूर्ण समर्थन किया था और आवश्यक रक्षा सामग्री प्रदान की थी। इस समर्थन ने युद्ध के दौरान भारत की स्थिति को मजबूत किया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की स्थिति को मजबूती प्रदान की।

दशकों पुराना है संबंध 
भारत और रूस के संबंध को लगभग 7 दशक पुराने हो चुके है। इस बीच भारत ने रूस के साथ कई डील पूरी की है। भारत और रूस अक्‍सर एक दूसरे को खुलकर सपोर्ट करते रहते हैं। सोवियत संघ पहला देश था, जिसके साथ भारत ने 13 अप्रैल 1947 को भारत की स्‍वतंत्रता के चार महीने बाद ही राजनयिक संबंधों की स्थापना की थी। नवंबर 1955 में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों के एक नए युग की शुरुआत हुई थी। कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत का रूस ने अक्‍सर साथ दिया है। 

व्यापारिक संबंधों में नई ऊँचाई
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध भी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच मिनरल फ्यूल, ऑयल, फर्टिलाइजर्स, पर्ल, कीमती स्टोन और वनस्पति तेल जैसी वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है। 2020-21 में भारत ने रूस से 2110.67 मिलियन डॉलर का मिनरल फ्यूल और ऑयल प्रोडक्ट्स आयात किया, जो 2021-22 में बढ़कर 5,250.08 मिलियन डॉलर हो गया। इसी तरह, कीमती पत्थरों और धातुओं का व्यापार भी बढ़ा है।

कृषि उत्पादों का निर्यात
रूस भारत से कृषि उत्पादों का भी बड़ा आयातक है। 2021-22 में भारत से रूस को करीब 3,254 मिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया गया, जिसमें 582 मिलियन डॉलर का कृषि उत्पाद शामिल था।

मोदी-पुतिन वार्ता: क्या होगा खास?
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता में डिफेंस डील पर विस्तार से चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, कुछ अन्य क्षेत्रों में निवेश को लेकर भी बातचीत की संभावना है। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) भी इस दौरे से काफी उत्साहित है। पीएम मोदी मॉस्को में भारतीय समुदाय के एक समूह को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत-रूस संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और व्यापारिक संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं।

 

 

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