Edited By Mahima,Updated: 10 Jul, 2024 10:51 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के दौरान नई दिल्ली और मॉस्को ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर सहमति बनी, जिसमें रूस के...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के दौरान नई दिल्ली और मॉस्को ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर सहमति बनी, जिसमें रूस के सहयोग से भारत में 6 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने पर भी बातचीत हुई। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम (Rosatom) इन न्यूक्लियर पावर प्लांट्स को बनाने में भारत की मदद करेगी। बता दें कि रूसी एजेंसी पहले भी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) को स्थापित करने में भारत की मदद कर चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनके आधिकारिक निवास क्रेमलिन में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया, जिसमें रोसाटॉम ने 6 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने में भारत की मदद करने की पेशकश की। इसके अलावा, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund) ने फार्मा, जहाज निर्माण और शिक्षा क्षेत्र में भारत के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर पेमेंट फ्लो को आसान बनाने के प्रयासों पर चर्चा की।
रोसाटॉम ने कहा कि भारत के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है, जिसमें एक नई साइट पर रूसी डिजाइन की 6 और हाई-पावर न्यूक्लियर यूनिट्स का निर्माण और छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने में सहयोग शामिल है। मई में रोसाटॉम ने भारत को फ्लोटिंग परमाणु ऊर्जा संयंत्र (FNPP) के निर्माण और संचालन की तकनीक भी ऑफर की थी। रूस के पास वर्तमान में दुनिया का एकमात्र फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट है, जिसे एकेडेमिक लोमोनोसोव जहाज (Akademik Lomonosov) पर असेंबल किया गया है। पेवेक, रूस के नॉर्थ आर्कटिक में स्थित है, जहां से बिजली सप्लाई की जा रही है। इस प्रकार के संयंत्र से दूरदराज के क्षेत्रों या समुद्र में स्थित द्वीपों तक निर्बाध बिजली सप्लाई की जा सकती है।
रोसाटॉम और भारत उत्तरी समुद्री मार्ग (Northern Sea Route) की ट्रांजिट क्षमता को विकसित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह मार्ग नॉर्वे के साथ रूस की सीमा के पास मरमंस्क से पूर्व की ओर अलास्का के पास बेरिंग जलडमरूमध्य तक फैला है। रूस को उम्मीद है कि एनएसआर के जरिए वह 2030 तक 150 मिलियन मीट्रिक टन का परिवहन कर सकेगा। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) भारत का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर स्टेशन है, जो तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है। इस संयंत्र में रूस द्वारा डिजाइन किए गए VVER-1000 रिएक्टरों का उपयोग होता है। कुडनकुलम परियोजना को कई विरोधों के बावजूद पूरा किया गया और इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर प्लांट में से एक माना गया है।