Excise policy: 'हमारे भाई को कुछ परेशानी है', सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के जज

Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Jul, 2024 03:34 PM

supreme court judge recuses himself from hearing sisodia s petition

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने आप नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिनमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को नए सिरे से विचार करने का अनुरोध किया गया था।

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने आप नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिनमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को नए सिरे से विचार करने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि सिसोदिय की दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक दूसरी पीठ सुनवाई करेगी, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल नहीं होंगे। सिसोदिया ने अपनी याचिका में जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई की मांग की है। 

हमारे भाई को कुछ परेशानी है- जस्टिस खन्ना
जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, "हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगे।" सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया और कहा कि समय बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है। पीठ ने कहा कि 15 जुलाई को एक अन्य पीठ इस पर सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने 4 जून को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। 

क्यों किया सुप्रीम कोर्ट का रुख?
सिसोदिया ने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें दो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच किए गए मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। आप नेता ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें 2021-22 के लिए अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। 

26 फरवरी 2023 को हुए थे गिरफ्तार 
पिछले साल 30 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि थोक शराब डीलरों को 338 करोड़ रुपये का "अप्रत्याशित लाभ" पहुंचाने का आरोप सबूतों द्वारा "अस्थायी रूप से समर्थित" है। शराब नीति मामले में कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 9 मार्च, 2023 को ईडी ने सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया। 28 फरवरी, 2023 को उन्होंने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

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