Edited By Parveen Kumar,Updated: 13 Jun, 2024 01:41 AM
ओडिशा की भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को बृहस्पतिवार सुबह से फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की तत्काल आवश्यकता के लिए एक निधि स्थापित की।
नेशनल डेस्क : ओडिशा की भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को बृहस्पतिवार सुबह से फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की तत्काल आवश्यकता के लिए एक निधि स्थापित की। यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य सचिवालय ‘लोक सेवा भवन' में अपने मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी। माझी ने कहा, “ राज्य सरकार ने सभी मंत्रियों की मौजूदगी में कल सुबह पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार फिर से खोलने का फैसला किया है।
श्रद्धालु चारों द्वारों से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंदिरों के द्वार खोलना भाजपा के चुनाव घोषणापत्र का एक वादा था और द्वार बंद होने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बीजू जनता दल (बीजद) नीत पूर्व सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद से मंदिर के चारों द्वार बंद कर रखे थे। श्रद्धालु केवल एक द्वार से ही प्रवेश कर सकते थे और सभी द्वार खोलने की मांग की जा रही थी। माझी ने कहा कि मंदिर के संरक्षण के लिए मंत्रिमंडल ने 500 करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित करने का निर्णय लिया है। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री बुधवार रात को पुरी के लिए रवाना होंगे और तीर्थ नगरी में रुकेंगे ताकि बृहस्पतिवार सुबह जब चारों द्वार खोले जाएं तो वे वहां मौजूद रह सकें।
माझी ने कहा कि राज्य सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने के लिए भी कदम उठाएगी और संबंधित विभाग को इस संबंध में कदम उठाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि धान के लिए एमएसपी बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव पर अमल के लिए बहुत जल्द एक समिति गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह काम सरकार के पहले 100 दिन के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।'' नई सरकार 100 दिन के अंदर सुभद्रा योजना लागू करेगी, जिसके तहत महिलाओं को 50,000 रुपये का नकद ‘वाउचर' मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विभागों को सुभद्रा योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश और रूपरेखा तैयार करने को कहा गया है।''