Edited By Tanuja,Updated: 01 Apr, 2023 05:03 PM

अमेरिका में भारत के शीर्ष राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने वाली वजहों के तौर पर भूराजनीतिक और आर्थिक भागीदारी का...
वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के शीर्ष राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने वाली वजहों के तौर पर भूराजनीतिक और आर्थिक भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि अगले स्तर की ओर बढ़ रहे भारत एवं अमेरिका के संबंधों में नयी गतिशीलता पैदा हुई है। यहां ‘इंडियन अमेरिकन इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स' की 30वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए राजदूत संधू ने कहा कि संबंधों की मजबूती में भारत की घरेलू क्षमताएं अहम कारक रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्ष में आर्थिक भागीदारी वाकई तेज हुई है। जब 2020 में मैंने राजदूत का पदभार संभाला था तो भारत-अमेरिका का व्यापार करीब 146 अरब डॉलर था।
पिछले साल यह 190 अरब डॉलर के पार चला गया, जो कोविड तथा कोई एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) न होने बावजूद महज तीन साल में 30 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है।'' संधू ने कहा कि इस गतिशीलता को आकार देने में भूराजनीति एक वजह रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी उद्योग के लिए एक चेतावनी थी कि अब पहले की तरह व्यापार नहीं हो सकता, खासतौर से जब बात वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की आती है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की 2,000 से अधिक कंपनियां भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है जबकि अमेरिका के सभी 50 राज्यों में भारत की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं।
इस गतिशीलता में भारत की घरेलू क्षमताएं एक अहम कारक रही है।'' भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वह बड़े देशों में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है। सम्मेलन की एक अन्य चर्चा में भाग लेते हुए उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता अमन सिन्हा ने कहा कि भारत और अमेरिका ने अपनी हदों से बाहर जाकर भी वैश्विक समुदाय की मदद की है।