गाजा के हमले में सेवानिवृत्त भारतीय कर्नल की मौत, UN ने भारत से मांगी माफी

Edited By Tanuja,Updated: 15 May, 2024 12:58 PM

un apologises to india for death of ex army officer in gaza

गाजा के रफह शहर में हमले की चपेट में आने से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले सेवानिवृत्त भारतीय कर्नल की मौत हो गई। पिछले साल...

 इंटरनेशनल डेस्कः गाजा के राफा शहर में हमले की चपेट में आने से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले सेवानिवृत्त भारतीय कर्नल की मौत हो गई। पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के किसी अंतर्राष्ट्रीय कर्मी की मौत का यह पहला मामला है। संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए भारत से माफी मांगी है और  मामले की पूर्ण जांच कराने का आह्वान किया है जबकि इजराइल ने अलग से हमले की जांच करने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को नयी दिल्ली में बताया कि भारतीय सेना से 2022 में समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्नल वैभव अनिल काले (46) दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (यूएनडीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे।

 

उन्होंने कश्मीर में 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स की कमान संभाली दी थीं। काले महू में सेना के इन्फैंट्री स्कूल में प्रशिक्षक थे। । सोमवार की सुबह यूएनडीएसएस के अन्य कर्मचारियों के साथ वह संयुक्त राष्ट्र के वाहन में रफह स्थित ‘यूरोपियन अस्पताल' जा रहे थे तभी हमले की चपेट में आ गए। इस हमले में एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है जिसकी पहचान नहीं हो सकी है। उनके रिश्तेदार विंग कमांडर (सेवानिवृत्त)प्रशांत करडे ने कहा ने मुंबई में ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘काले तीन सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा सेवा समन्वयक के रूप में शामिल हुए थे।

 

पूर्व इंफ्रेट्री सैन्य अधिकारी ने अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने का फैसला किया और इसलिए भी कि वह मानवीय मिशन के काम में रुचि रखते थे।'' करडे ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी अमृता और दो किशोर बच्चे हैं। नागरिक विमानन कंपनी इंडिगो में वरिष्ठ कमांडर करडे ने बताया, ‘‘काले का अंतिम संस्कार काहिरा से शव लाए जाने के बाद दो दिनों में पुणे में किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर उड़ानों की उपलब्धता के आधार पर मुंबई या पुणे लाया जाएगा।'' करडे ने बताया कि काले 1998 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और उन्होंने 2009 और 2010 के बीच संयुक्त राष्ट्र में आकस्मिक मुख्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी काम किया था।

 

काले के सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर दी गई जानकारी के मुताबिक वह अप्रैल 2004 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और 2009 से 2010 तक संयुक्त राष्ट्र में मुख्य सुरक्षा अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से व्यवहार विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने लखनऊ और इंदौर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान सहित अन्य संस्थानों से भी पढ़ाई की थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा एवं सुरक्षा विभाग (डीएसएस) के एक कर्मचारी की मौत और एक अन्य डीएसएस कर्मचारी के घायल होने पर गहरा दुख जताया। महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर सभी हमलों की निंदा की और जांच का आह्वान किया। गुतारेस ने जान गंवाने वाले कर्मचारी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। 

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