Edited By Pardeep,Updated: 12 Feb, 2024 12:03 AM
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत ‘पांच कमजोर' अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, लेकिन आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर...
जयपुरः उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत ‘पांच कमजोर' अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, लेकिन आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर जयपुर के पास धानक्या में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘2014 के पहले भारत की गिनती कमजोर पांच देशों में होती थी, दुनिया के वह पांच देश जो दुनिया पर बोझ बने थे उनमें भारत का नाम था। आज हम नीचे के पांच देशों की सूची से निकलकर शीर्ष के पांच देशों के समूह में पहुंच गए हैं।''
उन्होंने कहा कि भारत ने कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस को पीछे छोड़ा दिया है। धनखड़ ने कहा, ‘‘हमने उन लोगों को पीछे छोड़ा है जिन्होंने सदियों तक देश पर राज किया और आने वाले दो-तीन साल में निश्चित रूप से हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़े देंगे। हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनेंगे।''
धनखड़ ने कहा कि भारत निवेश और अवसर का पसंदीदा स्थान है। उन्होंने कहा कि विदेशी उत्पादों के स्थान पर स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल के विचारों को पढ़ने पर समझ में आता है कि परिवर्तन केवल सत्ता के बल पर नहीं बल्कि समाज के बल पर होता है।
कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का ‘अंत्योदय' का विचार लोक कल्याण का प्रमुख आधार है और राज्य सरकार इस विचार को योजनाओं, नीतियों एवं कार्यक्रमों में समाहित करते हुए आमजन का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय के साथ राष्ट्रवाद को अपनाने की संकल्पना दी।