Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 10:07 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सबसे हिट सोशल स्कीम जन-धन योजना को नए नजरिए से देख रहे हैं। इसके तहत उनका टारगैट महिलाएं है। इसके लिए फाइनांस मिनिस्ट्री ने पहली बार जन-धन खाताधारकों का लिंग के आधार पर डाटा तैयार किया है जिसके जरिए सरकार महिलाओं पर...
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सबसे हिट सोशल स्कीम जन-धन योजना को नए नजरिए से देख रहे हैं। इसके तहत उनका टारगैट महिलाएं है। इसके लिए फाइनांस मिनिस्ट्री ने पहली बार जन-धन खाताधारकों का लिंग के आधार पर डाटा तैयार किया है जिसके जरिए सरकार महिलाओं पर खास तरह से फोकस करेगी। डाटा के अनुसार जन-धन स्कीम के तहत खुले अकाऊंट में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। सरकार की कोशिश है कि इस नए डाटा के जरिए वह बेहतर तरीके से महिलाओं के संबंध में स्कीम बनाने में टारगैट कर सके।
50 प्रतिशत खाताधारकों को मिलेंगी खास सुविधाएं
वित्त मंत्रालय से मिले डाटा के अनुसार देश में जन-धन स्कीम के तहत 30 करोड़ से ज्यादा खाते 2017 तक खोले गए हैं। इसमें करीब 72,000 करोड़ रुपए डिपॉजिट किए गए हैं। कुल खुले 30.84 करोड़ खातों में से 16.28 करोड़ खाताधारक महिलाएं हैं, जिन्होंने ग्रामीण और शहरी इलाकों में खाते खोले हैं। सरकार की नजर इन 16.28 करोड़ महिला खाताधारकों पर है। सरकार की कोशिश है कि सोशल सिक्योरिटी स्कीम का ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मिले। इसके लिए हैल्थ इन्श्योरैंस स्कीम का भी दायरा बढ़ाया जा सके।
पहली बार सरकार ने महिलाओं के आधार पर तैयार किया लक्ष्य
वर्ष 2014 में शुरू हुई जन-धन स्कीम के लागू होने के 3 साल बाद पहली बार महिलाओं के आधार पर डाटा तैयार किया है। जिसके तहत राज्यों के आधार पर डिटेल तैयार की गई है। सरकार की कोशिश है कि महिलाओं के आधार पर अलग से डाटा तैयार किया जाए। जन-धन स्कीम के तहत खाताधारकों को एक लाख रुपए का एक्सीडैंट इन्श्योरैंस कवर मिलता है। इसके अलावा शर्तों के आधार पर 30 हजार रुपए का लाइफ इन्श्योरैंस कवर भी मिलता है।
सबसे ज्यादा यू.पी.-बिहार में महिलाओं के खाते
रिपोर्ट के अनुसार जन-धन स्कीम के तहत महिलाओं के 16.28 करोड़ खाते खोले गए हैं। उसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार की महिलाओं के हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 2.44 करोड़ और बिहार में 1.76 करोड़ महिलाओं के खाते खुले हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते खोले गए हैं।