Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 11:54 AM
वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ऋण वृद्धि 5.1 प्रतिशत के अब तक के सबसे निम्नस्तर पर रही। इसकी सबसे बड़ी वजह 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों
मुंबईः वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक ऋण वृद्धि 5.1 प्रतिशत के अब तक के सबसे निम्नस्तर पर रही। इसकी सबसे बड़ी वजह 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के शुद्ध ऋण में एक हजार अरब रुपए की कमी होना है।एस.बी.आई. रिसर्च के अनुसार इस भारी गिरावट का बड़ा हिस्सा मात्र 10 कंपनियों के खाते में गया है। वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में इन कंपनियों ने 33,571 करोड़ रुपए कम कर्ज उठाया। एस.बी.आई. की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौब्या कांति घोष ने कहा कि इसके पीछे प्रमुख वजह कर्ज का कम उपयोग होना या आंतरिक स्रोतों से कर्ज का पुनर्भुगतान किया जाना या संपत्ति बिक्री करके कर्ज चुकाया जाना हो सकता है।
अन्य वजह निजी इक्विटी भागीदारी के जरिये धन जुटाना भी हो सकता है। रिजर्व बैंक आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में बैंकों की रिण वृद्धि 5.1 प्रतिशत रही। वर्ष 1951 के बाद से यह बैंकों की सबसे कम रिण वृद्धि है तब बैंकों से कर्ज का उठाव मात्र 1.8 प्रतिशत ही बढ़ा था। वर्ष के दौरान निन रिण वृद्धि की मुख्य वजह बांड इश्यू के जरिय अधिक धन जुटाना। गैर-बैंक वाले सस्ते स्रोत उपलबध होने के साथ कुल मिलाकर निजी क्षेत्र का क्षमता विस्तार में निवेश कम रहना है।