Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 10:13 AM
निवेशक की राशि फिक्स डिपॉजिट में करने के स्थान पर यूनिट लिंक्ड पैंशन 2 प्लान में लगाने पर बीमा कम्पनी को जिला उपभोक्ता संरक्षण ने जमा राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर पर करने के अतिरिक्त हर्जाना तथा अदालती खर्च भी अदा करने के आदेश दिए हैं
नवांशहर : निवेशक की राशि फिक्स डिपॉजिट में करने के स्थान पर यूनिट लिंक्ड पैंशन 2 प्लान में लगाने पर बीमा कम्पनी को जिला उपभोक्ता संरक्षण ने जमा राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर पर करने के अतिरिक्त हर्जाना तथा अदालती खर्च भी अदा करने के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला
कस्बा गढ़शंकर जिला होशियारपुर निवासी बिक्रम सिंह (55) पुत्र चूहड़ सिंह ने बताया कि दिसम्बर, 2008 में एक फाइनांसर सलाहकार ने उससे अप्रोच करके नवांशहर में स्थित एच.डी.एफ.सी. स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरैंस कम्पनी में 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर राशि निवेश करने का परामर्श दिया था। सलाहकार ने बताया था कि 1 वर्ष के निवेश के बाद वह कभी भी अपनी जमा राशि को निकाल सकता है परन्तु यदि रिन्यू होती है तो उस पर और अधिक ब्याज मिलेगा।
शिकायतकत्र्ता ने बताया कि उसने 3 लाख रुपए की राशि उक्त फिक्स्कीम के तहत जमा करवा दी परन्तु 1 वर्ष के बाद उसे उक्त बीमा कम्पनी से अगली किस्त जमा करवाने का फोन आया। उसने बताया कि उसने अपनी शिकायत कम्पनी के पास देते हुए फिक्स जमा स्कीम का हवाला दिया परन्तु उसे जानकर हैरानी हुई कि कम्पनी ने उसकी राशि फिक्स स्कीम में लगाने के स्थान पर यूनिट ङ्क्षलक्ड पैंशन-2 प्लान में निवेश की हुई है। जिला उपभोक्ता संरक्षण को दी शिकायत में उसने अपनी राशि ब्याज सहित वापस करवाने तथा कम्पनी से 5 लाख रुपए हर्जाना दिलवाने की अपील की।
यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता फोरम के पास बीमा कम्पनी ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्त फोरम के प्रधान एस.ए.पी.एस. राजपूत तथा ज्यूरी मैम्बर कंवलजीत सिंह ने बीमा कम्पनी को शिकायतकर्ता की जमा राशि 3 लाख रुपए का भुगतान जमा होने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज दर पर करने तथा 10 हजार रुपए हर्जाना व 5 हजार रुपए अदालती खर्च 30 दिनों के भीतर देने के आदेश जारी किए।