हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: सुरक्षा के नाम पर धोखा, काटे 13382 चालान

Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 08:14 AM

high security number plates

गाडिय़ों की सुरक्षा के नाम पर लगाई जा रही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सिक्योरिटी का ढोंग साबित हो रही है। दरअसल, नंबर प्लेट में डिटेल्स व लोकेशन ट्रैप के लिए लगाए गए डिवाइस को सर्च करने की मशीन आर.एल.ए. व चंडीगढ़ पुलिस के पास नहीं है।

चंडीगढ़ (कुलदीप): गाडिय़ों की सुरक्षा के नाम पर लगाई जा रही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सिक्योरिटी का ढोंग साबित हो रही है। दरअसल, नंबर प्लेट में डिटेल्स व लोकेशन ट्रैप के लिए लगाए गए डिवाइस को सर्च करने की मशीन आर.एल.ए. व चंडीगढ़ पुलिस के पास नहीं है। ‘पंजाब केसरी’ की इन्वैस्टीगेशन के बाद चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस द्वारा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगवाने पर वाहन चालकों के काटे गए हजारों चालान और वसूली गई करोड़ों की जुर्माना राशि पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। 

हमने कई लोगों से इस संबंध में बात की, जिनका कहना है कि हाई सिक्योरिटी प्लेट के नाम पर सिर्फ चालान किया जाता है, जबकि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से होने वाली सुरक्षा व सुविधा लोगों को मिलती ही नहीं है। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों व अधिकारियों ने भी माना कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में दर्ज जानकारियों को पढ़ पाने वाला स्कैनर उनके पास नहीं है। इस बारे में जब एस.पी. (ट्रैफिक) ईश सिंगला से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया और एस.एम.एस. का भी जवाब नहीं दिया। 

अब तक इतने चालान 
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस रिकार्ड के अनुसार शुरूआत से लेकर साल 2016 के जून अंत तक सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने के 13382 लोगों के वाहनों का चालान किए गए। चालान की एवज में 2-2 हजार रुपए जुर्माने के रूप में वसूले गए, लेकिन जब पुलिस के पास स्कैङ्क्षनग मशीन ही नहीं थी तो फिर चालान क्यों काटे गए। इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नहीं है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को प्रॉपर तरीके से इस्तेमाल करने के कोर्ट के आदेश थे जिनकी पुलिस ने परवाह नहीं की, सिर्फ चालान काटकर खजाना भरा गया। 

यहां नहीं है कम्पलसरी
शुरूआती दौर में हर स्टेट ने हाई सिक्योरिटी प्लेट्स शुरू की थी लेकिन कुछ महीने में योजना ने दम तोड़ दिया। पंजाब व हरियाणा में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद राज्य सरकारों ने इस योजना को बंद कर दिया था जबकि हिमाचल प्रदेश में यह योजना सफल नहीं हो पाई, क्योंकि इतने ठेकेदार ही नहीं मिले जो इस काम को सिरे चढ़ा सके।   

नंबर प्लेट से ऐसे होगा फायदा 
जानकारों की मानें तो प्रॉपर ढंग से हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट की वर्किंग होने से लोगों को फायदा होगा। इस नंबर प्लेट में एक डिवाइस लगी होती है जिसके अंदर बाइक ऑनर, रजिस्ट्रेशन व संबंधित सभी डिटेल्स होती है। इसके अलावा पुलिस गाड़ी के नंबर से मोबाइल की तरह उसकी लोकेशन 2 मिनट में पता लगा सकती है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!