नियमों का झगड़ा छोडि़ए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनिए : धूमल

Edited By ,Updated: 12 Mar, 2015 11:54 PM

article

युकां-भाजपा झगड़े पर सदन के अंदर चल रही गहमागहमी के दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने सत्तापक्ष से कहा कि एक विषय पर अलग-अलग नियमों के तहत चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए जा सकते हैं लेकिन नियमों का झगड़ा छोडि़ए और एक बार अपनी अंतरात्मा से पूछिए कि...

शिमला: युकां-भाजपा झगड़े पर सदन के अंदर चल रही गहमागहमी के दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने सत्तापक्ष से कहा कि एक विषय पर अलग-अलग नियमों के तहत चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए जा सकते हैं लेकिन नियमों का झगड़ा छोडि़ए और एक बार अपनी अंतरात्मा से पूछिए कि क्या युकां द्वारा भाजपा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर झगड़ा करना वाजिब था। क्या सरकार चौकन्नी होती तो हम राजेश शारदा की आंख नहीं बचा सकते थे। जिन्होंने झगड़ा किया उसे चेयरमैन बनाकर ऑफिस देकर नवाजा गया है। मेरा सवाल यह भी है कि सरकार ने चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की फौज सिर्फ झगड़े और प्रैस बयान देने के लिए खड़ी की है।

धूमल ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना और नसीहत बहुत आसान काम है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वाकआऊट के बाद हम कैसे सदन में आ गए। वह शायद भूल रहे हैं रोजाना लोकसभा और राज्यसभा में उनके बड़े नेता जिनमें सोनिया गांधी भी शामिल हैं वे मसरत की रिहाई के मुद्दे पर वाकआऊट करते हैं और दोबारा सदन में भी आते हैं। सदन में दोबारा न आने की अभी तक तो कोई बंदिश नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो वीरभद्र ङ्क्षसह ने विपक्ष में होते हुए सभामंडप में आकर मेरा टेबल थपथपाया था। सुजान ङ्क्षसह पठानिया तब सभामंडप में ही गाने गाते थे। ऐसी बातें कर सत्तापक्ष इस गंभीर मुद्दे को टालने का प्रयास कर रहा है।

विपक्ष के नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नूरपुर में कहा कि अगर विक्रमादित्य सिंह एक दिन पहले धूमल से फोन पर बात न करते तो ऐसा झगड़ा न होता। रिकार्ड देख लीजिए विक्रमादित्य सिंह ने मुझे तब फोन किया था जब वह वहां पहुंचने वाले थे। मैंने तब भी उनसे कहा था कि पार्टी कार्यालय के बाहर वह विरोध प्रदर्शन न करें। तब उन्होंने कहा था कि ऊपर से ऐसे आदेश आए हैं। मुख्यमंत्री जी आप एक बार घर में बैठ कर उनसे इस विषय में पूछिए कि मैंने क्या कहा था। 

मुझे 31 जनवरी को विक्रमादित्य सिंह का एक पत्र मिला जिसमें उन्होंने इस घटना के लिए खेद जताया और भविष्य में राजनीतिक दलों की वैचारिक लड़ाइयों को हिंसा से दूर रखने की बात कही है। मैंने भी उन्हें पत्र का उत्तर दिया है। इस घटना में राजेश शारदा के साथ-साथ चोट पूरे लोकतंत्र को लगी है। इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!