Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 04:03 PM
अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांससे भी बड़े आकार के ग्लेशियरके जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है।वैज्ञानिकों ने आज कहा कि टॉटेन ग्लेशियर अंटार्कटिका में सबसे तेज तैरने
सिडनीः अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांससे भी बड़े आकार के ग्लेशियरके जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है।वैज्ञानिकों ने आज कहा कि टॉटेन ग्लेशियर अंटार्कटिका में सबसे तेज तैरने वाला और सबसे बड़ा ग्लेशियर है। वैज्ञानिक उस पर करीबी नजर रख रहे हैं कि वह कैसे पिघलता है।
शोधकर्ताओं ने पहले जितना सोचा था उससे कहीं अधिक आकार में यह ग्लेशियर तैर रहा हैयह अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के अध्ययनों में यह पता चला है कि टॉटेन ग्लेशियर का कुछ हिस्सा गर्मी से पहले ही पिघल रहा है। सेंट्रल वाशिंगटन यूनिर्विसटी के पॉल विनबेरी ने कहा, ‘‘ इसका मतलब यह भी है कि टॉटेन भविष्य में जलवायु में होने वाले बदलावों के लिहाज से अधिक संवेदनशील है।’
ग्लेशियर बर्फ का विशालकाय हिस्सा होता है जो कई सदियों में धीरे- धीरे घाटियों, पर्वतों और निचले इलाके की ओर बढ़ता है। उनमें पृथ्वी के ताजा जल की बड़ी मात्रा होती है और जब वे पिघलते हैं तो समुद्र का स्तर बढऩे में उनका बड़ा योगदान होता है। नासा के अनुसार, वर्ष2002 से2016 के बीच अंटार्कटिका में प्रति वर्ष125 गीगाटन बर्फ पिघली जिससे दुनियाभर में समुद्र स्तर सालाना0.35 मिलीमीटर बढ़ा।