Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 04:08 PM
अमरीका के व्हाइट हाउस के होमलैंड सुरक्षा सलाहकार टॉम बोसर्ट ने कहा कि अमरीका का विश्वास है कि मई में हुए साइबर हमले ''वानाक्राइ'' के पीछे उत्तर कोरिया था...
वॉशिंगटनः अमरीका के व्हाइट हाउस के होमलैंड सुरक्षा सलाहकार टॉम बोसर्ट ने कहा कि अमरीका का विश्वास है कि मई में हुए साइबर हमले 'वानाक्राइ' के पीछे उत्तर कोरिया था। उन्होंने बताया कि अमेरिका के इस दावे के लिए उसके पास साक्ष्य भी है और ब्रिटेन एवं माइक्रोसॉफ्ट भी हमले के विश्लेषण के बाद समान निष्कर्षो पर पहुंचे हैं। CNN ने जून में बताया था कि ब्रिटेन की खुफिया एजैंसी को विश्वास था कि उत्तर कोरिया सरकार से संबंधित कोई समूह इस हमले के पीछे है।
CNN ने बॉसर्ट के हवाले से बताया कि यह हमला दुनियाभर में हुआ था और इससे करोड़ों का नुकसान हुआ था, जिसके लिए उत्तर कोरिया सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से इस बात का खुलासा किया है कि इस साल मई में 150 देशों के दो लाख 30 हजार कंप्यूटर सिस्टम पर रैनसमवेयर वानाक्राइ साइबर अटैक हुआ था। यह साइबर अटैक अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला था, जिसके पीछे नॉर्थ कोरिया के हैकर्स का हाथ था।
अमरीका के वॉल स्ट्रीट जनरल से बातचीत के दौरान बोसर्ट ने कहा कि हम इन आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि हमारे पास नॉर्थ कोरिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत है। इससे पहले जून में वॉशिंगCIA सीआईए ने भी बाद में नॉर्थ कोरिया को इस अटैक के लिए जिम्मेदार ठहराया था। गौरतलब है कि इस साइबर हमले के बाद कंप्यूटर सिस्टम लॉक हो गए थे और उसे खोलने के लिए हैकर्स ने 300 डॉलर की फिरौती मांगी थी। फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, स्वीडन, रूस और भारत सहित दुनिया के कई देश इससे प्रभावित हुए थे।