कश्मीर में मुसीबतों की मुख्य वजह बन रही है अफवाहें

Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 04:29 PM

rumors are becoming the main reason for the troubles in kashmir

कश्मीर में सुरक्षाबल भिन-भिन तरह की अफवाहों का सामना कर रहे हैं। बलों तथा प्रशासन के खिलाफ फर्जी अथवा अतिरंजित समाचार जनता के आक्रोश को बढ़ा रहा है जो कई बार हिंसा का रूप ले लेता है।

श्रीनगर: कश्मीर में सुरक्षाबल भिन-भिन तरह की अफवाहों का सामना कर रहे हैं। बलों तथा प्रशासन के खिलाफ फर्जी अथवा अतिरंजित समाचार जनता के आक्रोश को बढ़ा रहा है जो कई बार हिंसा का रूप ले लेता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि, ‘‘बलों और प्रशासन के खिलाफ फैल रहीं अफवाहों को बातों के जरिए रोकना चुनौतीपूर्ण काम साबित हो रहा है।’’ घाटी में इंटरनेट सेवा एक माह से ब्लॉक है। हालांकि 10 अप्रैल को तीन दिन के लिए प्रतिबंध हटाया गया था जिसके बाद फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइटों में सुरक्षा बलों के नागरिकों पर कथित अत्याचार की पोस्ट, फोटो और वीडियो की बाढ़ आ गई। 

 

19 अप्रैल को फैली थी 100 छात्रों के घायल होने की अफवाह
समस्या तब गंभीर हो गई जब 19 अप्रैल को यह अफवाह फैली कि पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में 100 छात्र घायल हो गए। लेकिन जांच में पाया गया कि केवल 20 छात्रों को मामूली चोटें आईं थीं और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। सच्चाई कुछ भी हो लेकिन यह अफवाह जंगल में आग की तरह फैली जिसके बाद प्रदर्शन और छात्र में अशांति फैल गई। 

 


अधिकारियों ने कहा कि इन अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने कुछ खास प्रयास नहीं किए। पिछले वर्ष तक उत्तरी कमान में जनरल ऑफीसर कमांड इन चीफ रहे लेफ्टीनेंट जनरल :सेवानिवृत्त:डीएस हुडा ने कहा कि इसे रोकने के लिए सही सूचना का तत्काल प्रसार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि, ‘‘आप तथ्यों को पेश करिए और इसका निर्णय जनता पर छोडि़ए कि वह अफवाहों पर विश्वास करना चाहती हैं अथवा तथ्यों पर।’’  

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